भारत के गुकेश ने रचा इतिहास, महज 18 साल की उम्र में बने शतरंज के नए विश्व चैंपियन
नई दिल्ली। भारत के शतरंज खिलाड़ी डी गुकेश ने की इतिहास रच दिया है। जी हां! महज 18 साल के गुकेश शतरंज के नए विश्व चैंपियन बन गए हैं। उन्होंने फीडे वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के फाइनल में चाइना के गत चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर अपनी बादशाहत हासिल की। भारतीय ग्रैंडमास्टर ने चीन के इस खिलाड़ी को 14वीं बाजी में हराकर खिताब अपने नाम किया। गुकेश ने यह चैंपियनशिप 7.5-6.5 से अपने नाम की। उन्हें इस जीत से 2.5 मिलियन डॉलर (21.21 करोड़ रुपए) इनामी राशि मिली। खास बात यह कि गुकेश ने यह जीत काले मोहरों से खेलते हुए दर्ज की।
डोम्माराजू गुकेश शतरंज की दुनिया के सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बन गए हैं। उन्होंने वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीतकर इतिहास में कई पन्ने जोड़ दिए हैं। डी गुकेश ने इस जीत के साथ ही विश्व नाथन आनंद के एलीट क्लब में एंट्री मार ली है। वे विश्व चैंपियन बनने वाले भारत के सिर्फ दूसरे शतरंज खिलाड़ी हैं। विश्वनाथन आनंद यह उपलब्धि हासिल करने वाले भारत के पहले खिलाड़ी हैं। पांच बार के विश्व चैंपियन आनंद ने 2013 में विश्व चैंपियनशिप खिताब गंवा दिया था।
भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश अपने चीनी प्रतिद्वंद्वी डिंग लिरेन के साथ 13 बाजियों के बाद 6.5-6.5 की बराबरी पर थे। 14वीं बाजी में डिंग लिरेन सफेद मोहरों से खेल रहे थे। ऐसे में उनका पलड़ा भारी माना जा रहा था। लेकिन डी गुकेश ने सारे कयासों को धता बताते हुए ना सिर्फ बाजी जीती, बल्कि सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बनने का कारनामा भी कर दिखाया।
डी गुकेश की खिताबी जीत से पहले सबसे कम उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन बनने का रिकॉर्ड रूस के दिग्गज गैरी कास्पारोव के नाम था। उन्होंने 1985 में अनातोली कार्पोव को हराकर 22 साल की उम्र में खिताब जीता था। गुकेश इस साल की शुरुआत में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने के बाद विश्व खिताब के लिए चुनौती पेश करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने थे।
डी गुकेश ने 7 साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया। गुकेश के शिक्षकों ने उनके टैलेंट को पहचाना और उनके माता-पिता को उनकी संभावनाओं के बारे में बताया। इसके बाद गुकेश के पैरेंट्स ने अपने बच्चे को कोचिंग दिलाई। गुकेश दुनिया के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर्स में से एक हैं। उन्होंने 2019 में महज 12 साल, 7 महीने और 17 दिनों की उम्र में ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल किया था।