पांच सदस्यीय दल पता लगाएगी ‘करोड़ों की किताबें कैसे पहुंची कबाड़ में’

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पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कबाड़ में लाखो पड़ी किताबों को लेकर उठाए सवाल

विवाद बढ़ने के बाद जांच दल का गठन
रायपुर। कबाड़ में मिली किताबों की जांच करने के लिए कमेटी बनाई गई है। विवाद बढ़ने के बाद पांच सदस्यीय दल का गठन किया गया है। यह दल पूरे मामल की जांच करेगा। गौरतलब है कि रविवार को सिलयारी स्थित एक फैक्ट्री में लाखों की संख्या में वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2024-25 की किताबें मिली थीं। इन किताबों को गलाकर पुन: कागज बनाया जा रहा था। पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता विकास उपाध्याय फैक्ट्री में छापा मारने के बाद देर रात jiतक धरने पर बैठे रहे थे। विवाद बढ़ाने पर जांच दल का गठन किया गया है।


पेपर मिल के गोदाम में वर्तमान सत्र की सरकारी किताबों का जखीरा बरामद होने के मामले में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा छग पाठ्य पुस्तक निगम के प्रबंध संचालक राजेंद्र कटारा की अगुवाई में इस जांच दल का गठन किया गया है। दल में डीपीआई के अतिरिक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे, संयुक्त संचालक राकेश पांडेय, पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक प्रेम प्रकाश शर्मा और कलेक्टर को शामिल किया गया है।
घोटाले की आशंका : विकास
इतनी बड़ी संख्या में अतिरिक्त किताबों की छपाई सामान्यत: नहीं की जाती है। किताबों की संख्या देखकर किसी बड़े घोटाले की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।

इसी मामले को लेकर विधायक विकास उपाध्याय द्वारा मंगलवार को प्रेसवार्ता आयोजित की गई है। पूर्व सांसद छाया वर्मा, पूर्व विधायक अनीता शर्मा और उद्योराम वर्मा राजीव भवन में पत्रकार वार्ता को संबोधित करेंगे। कांग्रेस नेताओं ने बड़े घोटाले का अंदेशा जताया है। पूर्व विधायक का कहना है कि सभी किताबें वर्तमान सत्र की हैं। बड़ी संख्या में बच्चों तक किताबें नहीं पहुंच पाती हैं। ऐसे में किताबों की इस तरह की स्थिति चिंताजनक है। किताबें इसी सत्र की है और अभी भी पूरी तरीके से अच्छी कंडीशन में हैं। जिन किताबों उपयोग में लाया जा सकता है, उन्हें रद्दी बताकर बेचा जा चुका है।

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