भूमि आवंटन संबंधी मंत्रिमंडल का निर्णय जनहित के खिलाफ : कांग्रेस

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रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, पूर्ववर्ती सरकार ने आम जनता के हित में तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि का सरकार को प्रतिफल वसूलने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य के नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि के आबंटन, अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन और भूमि स्वामी हक प्रदान करने के लिए पारदर्शी नियम बनाया था। इस नियम से भूमि के आबंटन की पुरानी पद्धति में बदलाव हुआ था तथा भूमि आबंटन के लिए शासकीय गाइडलाइन से 150 प्रतिशत शुल्क निर्धारित किया गया था। भूमि आबंटन की प्रक्रिया पारदर्शी थी तथा सरकार के खजाने की भी वृद्धि हुई थी। वर्षों से शासकीय भूमि में काबिज लोगों को उनके मकानों, दुकानों आदि का मालिकाना हक मिला था। इस निर्णय को प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा निरस्त किया जाना गलत है।
श्री शुक्ला ने कहा, सरकार किसी भी दल की हो, वह जब कोई निर्णय लेती है, तो संविधान प्रदत्त शक्तियों द्वारा लेती है। सरकार बदलने के बाद पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लिए गए फैसले को बदलना संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। जिन लोगों ने सरकार से जमीन खरीद कर भूमि पर मकान, दुकान आदि का निर्माण करवा लिया है, सरकार उसका क्या करेगी। लोगों ने सरकार से जमीन ली है, पूरा प्रतिफल देकर रजिस्ट्री करवा कर जमीन का मालिकाना हक हासिल किया है, सरकार का फैसला अपने आप में ही विसंगति पूर्ण है।
श्री शुक्ला ने कहा, इसी नियम के तहत पूर्ववर्ती सरकार ने प्रदेश के विभिन्न सामाजिक संगठनों को सामाजिक भवन बनाने के लिए भूमि आबंटित की थी। मंत्रिमंडल के फैसले से सभी समाजों के लिए सामाजिक भवन का आबंटन भी निरस्त हो जाएगा।

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