स्वामी आत्मानंद विद्यालय रायकेरा के रा.से. यो. इकाई ने संविधान दिवस मनाया
घरघोड़ा (गौरीशंकर गुप्ता)। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय रायकेरा के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा विविध कार्यक्रम आयोजित कर संविधान दिवस मनाया गया|प्राचार्य श्री एस. के. करण ने संविधान दिवस की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि हर भारतीय के लिए 26 नवंबर का दिन बेहद खास होता है यही वह दिन है जब देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था संविधान ही हमें एक स्वतंत्र देश का स्वतंत्र नागरिक की भावना का एहसास कराता है|
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी रामकुमार पटेल के कुशल मार्गदर्शन में विद्यालय में रंगोली प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया सभी विद्यार्थियों ने एक से बढ़कर एक रंगोली बनाई संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर की फोटो रंगोली के माध्यम से कक्षा ग्यारहवीं की आरती भगत, भवानी यादव, लक्ष्मी नायक, चंद्रमा भगत, सुमन राठिया के द्वारा बनाई गई| कार्यक्रम की शुरुआत सबसे पहले भारतीय संविधान के निर्माता भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर फूल अर्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई विद्यालय के स्टाफ एवं विद्यार्थियों तथा राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों द्वारा संविधान उद्देशिका का वाचन किया गया| राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी रामकुमार पटेल ने संविधान की प्रस्तावना पर जानकारी देते हुए कहा कि संविधान की प्रस्तावना इसकी आत्मा है प्रस्तावना से मतलब है कि भारतीय संविधान के जो मूल आदर्श हैं उन्हें प्रस्तावना के माध्यम से संविधान में समाहित किया गया है संविधान की प्रस्तावना में नागरिकों के लिए राजनीतिक आर्थिक हुआ सामाजिक न्याय के साथ स्वतंत्रता के सभी रूप शामिल है नागरिकों को आपसी भाईचारा के माध्यम से व्यक्ति के सम्मान तथा देश की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने का संदेश देती है भारत का संविधान दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान है इसको बनाने में 2 साल 11 माह 18 दिन लगे थे यह 26 नवंबर 1949 को पूरा हुआ और इसे अपनाया गया इसके बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ| इस कार्यक्रम को सफल बनाने में दशरथ साव, टिकेश प्रधान,मुरली साहू, जग्गू राठिया एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों, विद्यार्थियों का सराहनीय योगदान रहा|