एनटीपीसी के विरुद्ध लामबंद हुए ग्रामीण, अधिकारी दीपक सलोके को हटाने सहित 8 सूत्रीय मांगों को रखा
ग्रामीणों की मांग पर एसडीएम घरघोड़ा ने त्वरित निराकरण का दिया आश्वासन
घरघोड़ा (गौरी शंकर गुप्ता ) । एनटीपीसी तिलाईपाली द्वारा प्रभावित क्षेत्र के मुआवजा क्षतिपूर्ति,भू-विस्थापित और पुनर्वास तथा रोजगार पर किये जा रहे अनियमितता एवं मांग के संबंध में अनिश्चित कालीन हड़ताल पर सैकड़ों की संख्या में बैठे रहे ग्रामीण। जिसमें प्रभावित ग्राम रायकेरा, रामपुर, तिलाईपाली, चोटीगुडा, विच्छिनारा और आश्रित ग्राम अजीतगढ़, कुधुरमोहा, साल्हेपाली के निवासी एनटीपीसी तिलईपाली द्वारा लगातार जनता का शोषण किये जाने तथा शासन के गाईडलाईन के विरुद्ध कार्य किये जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया जहां प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
ग्रामीणों का कहना है कि एनटीपीसी द्वारा प्रभावित ग्रामिणों के पुर्नव्यवस्थापन/पुर्नवास का मुआवजा भू-अधिग्रहण के पश्चात भी प्रदान नहीं किया गया है। जिससे संलग्न सूची के व्यक्तियों को तत्काल मुआवजा राशि प्रदान किये जाने एवं राजस्व अधिकारियों की समिति द्वारा कैम्प लगाकर ग्रामिणों के समस्याओं का निराकरण किये जाने की मांग की। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि एनटीपीसी द्वारा भू-अधिग्रहण के पश्चात् तेंदुपता संग्रहकों का रोजगार छिन गया है जिससे क्षेत्र के आदिवासियों की आर्थिक क्षति को लेकर लारा कम्पनी की तरह यहाँ भी तेंदुपता संग्रहकों को क्षतिपूर्ति प्रदान किये जाने और एनटीपीसी द्वारा प्रभावित क्षेत्र के रायकेरा से तिलाईपाली में वीपीआर द्वारा माईनिंग रोड बनाया गया है जिसमें हजारों की संख्या में पेड़ों को काटकर रोड का निर्माण किया जा रहा है जिसके रोकथाम हेतु उचित कार्यवाही करने एवं साथ ही सैकड़ों प्रकरण पेड़ों के मुआवजा के लिये लंबित हैं जिन्हें तत्काल मुआवजा प्रदान किये जाने की मांग पर अड़े रहे ग्रामीण।
ग्रामीणों की शिकायत है कि एनटीपीसी द्वारा भू-विस्थापितों को लेकर रोजगार की कोई स्पष्टनिति नहीं है और स्थानीय के स्थान पर बाहरी लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। उनकी मांग है कि सबसे पहले प्रभावित गांव के लोगों को प्राथमिकता एवं पारदर्शिता के आधार पर भर्ती की प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही एन.टी.पी.सी.में कार्यरत सभी (एस.एन.एस. एवं सूर्या तेजा) कांट्रेक्ट संविदा कर्मचारियों को खनन श्रम दर प्रदान किये जाने की मांग तथा प्रभावित क्षेत्र के विस्थापन से मितानिन एवं ग्रामपटेल, कोटवार आंगनवाड़ी कार्यकता का रोजगार छिन रहा है अत: उन्हें उचित मुआवजा दिलाया जाये। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि एनटीपीसी के सीपीआर मद से कोई जनहित का काम प्रभावित क्षेत्र में नहीं किया जा रहा है अत: कार्य के चयन हेतु स्थानीय लोगों की समिति गठन कर जनहित के कार्य को प्रदान किया जावे, साथ ही एन.टी.पी.सी. द्वारा मकान एवं परिवार का सर्वे सत्र 2018-19 में किया गया था जिसमे मकान व परिवार सर्वे दिनांक को बेस मानकर प्रभावित परिवार के उक्त दिनांक को 18 वर्ष के युवाओं को पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन तथा बोनस का लाभ दिया जाए। अन्य मांगों में बरझरिया धाम रायकेरा के लिए बिजली एवं सड़क व्यवस्था किये जाने की बात कही।
उक्त 8 सूत्रीय मांगों को एन.टी.पी.सी.के द्वारा 7 दिवस के भीतर पूर्ण किया जाये। अंत में ग्रामीणों ने कहा कि मांग पूरी नही होने की स्थिति में अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन काम बंद एवं चक्का जाम किया जायेगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी एन.टी.पी.सी. प्रबंधन की होगी। जिसके पश्चात एसडीएम घरघोड़ा सहित तहसीलदार एवं एसडीओपी धरमजयगढ़ तथा घरघोड़ा एवं तमनार टीआई मौके पर पहुंचे और एनटीपीसी के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर बिंदुवार ग्रामीणों की समस्याएं सुनी और प्रत्येक बिंदु पर गौर करते हुए ग्रामीणों की सहमति के साथ समस्त समस्याओं के निराकरण का अस्वासन देते हुए 11 मार्च को शिविर के माध्यम से आवेदन लेकर ग्रामीणों की मांगों को पूरा करने एवं उनकी समस्याओं का निराकरण करने की बात कही तब जाकर ग्रामीणों ने चक्का जाम खोला।