जंगल कटाई से ध्यान भटकाने टाइगर रिजर्व का झांसा : कांग्रेस

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नंदराज पर्वत, हसदेव अरण्य और लेमरू एलिफेंट रिज़र्व पर केंद्र स्थिति स्पष्ट करे
रायपुर
। राज्य में भाजपा सरकार द्वारा तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व के गठन के दावे पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा, भाजपा नेताओं की कथनी और करनी में अंतर है। सेंट्रल इंडिया का फेफड़ा कहे जाने वाले हसदेव के जंगलों को उजाड़ने वाली डबल इंजन की भाजपा सरकार जनता का ध्यान भटकाने के लिए अब टाइगर रिजर्व की बात कर करके गुमराह कर रही है। जशपुर, मनेंद्रगढ़, चिरमिरी, भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरबा और रायगढ़ जिले हाथी प्रभावित क्षेत्र हैं। हाथियों का प्राकृतिक रहवास भी है। जशपुर का बादलखोल अभयारण, बलरामपुर का तमोर पिंगला, सूरजपुर का सेमरसोत और कोरबा जिले का लेमरू वन क्षेत्र इसमें शामिल है। 2007 में जब छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार थी, तब 450 वर्ग किलोमीटर में लेमरू एलिफेंट रिज़र्व की अनुमति केंद्र की सरकार से मिल गई थी। 2018 तक ये सरकार में रहे, लेकिन तब तक नोटिफिकेशन तक जारी नहीं किया गया। छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार में अगस्त 2019 में 1995.48 वर्ग किलोमीटर का हाथी रिजर्व बनाने का प्रस्ताव विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया था, बाद में हसदेव और चरनोई नदियों के कैचमेंट को भी उसमें शामिल कर इसे 3827 वर्ग किलोमीटर करने की सहमति बनाई, लेकिन केंद्र की सरकार में माइनिंग गतिविधियों का बहाना कर अब तक अनुमति रोक रखी है। भाजपा की सरकार जुमलेबाजी छोड़कर नंदराज पर्वत, हसदेव अरण्य और लेमरू एलिफेंट रिज़र्व के संदर्भ में केंद्र द्वारा रोके गए प्रस्तावों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे।

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