माँ बैगिन डोकरी के दरबार में आस्था और विश्वास का लगा रहता है मेला
चारभांठा गांव की बेटी और घरघोड़ा की बहु की होती है पूजा
घरघोड़ा (गौरी शंकर गुप्ता)। इस वर्ष भी अन्य वर्षों की तरह माँ बैगिन डोकरी की पूजा अर्चना धूमधाम से की जा रही है चैत्र नवरात्रि मे यहॉं भक्तों का तांता लगा रहता है भक्त अपनी अपनी मनोकामना लेकर आते है उनकी मनोकामना पूरी होने पर धूमधाम से पूजा अर्चना करते है माँ के चरणों में भक्त नारियल, अगरबत्ती, फूल माला चढ़ाकर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की कामना करते है यहां मान्यता है कि उनकी मन्नत पुरी होने पर भक्त माँ बैगिन डोकरी के चरणों में चाँदी की मुकुट या चाँदी के नैन की चढ़ाते है यहाँ हर किसी की कामना पूरी होती है। (अच्छे-अच्छे दिग्गज भी टेकते है अपनी माथा) मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पूर्व विधायक ओमप्रकाश राठिया विधायक लालजीत राठिया वर्तमान सांसद राधेश्याम राठिया सहित कई दिग्गज अनेकों बार यहाँ आकर माँ बैगिन डोकरी के दरबार मे अपनी हाजिरी लगा चुके है वे कभी भी खाली हाथ नहीं जाते है हर किसी की होती है यहाँ मनोकामना पूर्ण घरघोड़ा की माँ बैगिन डोकरी की मान्यता दूर-दूर तक फैली है रायगढ़ और जशपुर जिले के अलावा और भी कई जिले राज्य के भक्त यहाँ आकर माता के चरणों में अपनी शिश नवाते है यहाँ एक यह भी मान्यता है कि घरघोड़ा क्षेत्र की जब भी किसी लड़की की शादी होती है और उसका बच्चा होता है तथा ससुराल से मायके।
मायके आती है तब माता के दरबार में अपने अपने रिवाज के मुताबिक नारियल चढ़ाते है या बकरे की बलि दी जाती है इस मान्यता के पीछे कहा जाता है कि ऐसा करने से उसके बच्चे पर कोई कष्ट नहीं होती है। ( माँ बैगिन के मंदिर में पिछले चार पीढ़ी से एक ही परिवार का बैगा (पुजारी) पुजा-अर्चना कर रहे है) पिछले चार पीढ़ी से एक ही परिवार के पुजारी माँ बैगिन डोकरी का कर रहे है पूजा सिविल कुमार बैगा ने बताया की पिछले कई पीढ़ी से मेरे परिवार के लोग ही यहॉं पूजा करते आ रहे है मेरे दादा रायसिंह पहले पूजा करते थे उनके देहांत के बाद मेरे पिता जग्गूराम बैगा पूजन करते थे पिता के स्वर्गवास के बाद अब मैं खुद पूजा करता हूँ यहाँ पहले बहुत कम भक्त आते थे लेकिन माता की शक्ती के बारे में जब से लोगों को जानकारी मिलती रही है तब से लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है।