जनता प्यासी तड़पती रहे पानी की बूंद बूंद के लिए, अपने आंगन में शासकीय बोर खनन कर मौज में जनप्रतिनिधि

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घरघोड़ा(गौरी शंकर गुप्ता)। शासकीय राशि के पैसे से घरों में निजी उपयोग के लिए घरघोड़ा नगर में बोर खुदाई।
प्रशासन के नाक नीचे 500 से 1500 रूपए लेकर टेंकर से पानी बेचने का कार्य सरकारी बोर से किया जा रहा है? शासकीय राशि का दुर्पयोग कर निजी बोरवेल संपत्ति बनाने वालों पर नगरवासी एफआईआर कर कार्रवाई की मांग कर रहे।


घरघोड़ा नेताओं की नगरी है द्वार द्वार आंगन में बोर खुदी है, कोई कुछ कहता नही, जनता की कोई सूनता नहीं, खाली पड़े हैं घर के गागर , सुख रहे गले बिलख रहे बच्चे, रह रह कर कचोड़ रहा मन का बोल, तेरे आंगन का नीर – कब समझेंगे मेरे घर का पीर। अब आओ ना पत्थर को निचोड़ कर निकाल लें पानी, ना अब मिलता जल, ना अब बुझती प्यास, बस मौन खड़ा है नल।

घरघोड़ा नगर की जनता सायद इन्हीं शब्दों से सवाल पुछ रही जिसका जवाब देने वाला कोई नहीं सरकार किसी की हो हाल ए सुरत आमुमन एक सा रहता है, प्रशासन अपनी आंखों में पट्टी बांधकर सबकुछ जानते हुए भी मौन बैठी रहती है। घरघोड़ा में आज सैकड़ों बोर खनन हुए हैं, सरकारी बोर से नेतानगरी आय अर्जित करने में लगी है, बताया जाता है पांच सौ से पन्द्रह सौ रुपए टेंकर पानी बेचा जा रहा है, इधर सरकारी बोर आमजन के लिए जहां जनता का पैसा पर प्यासी जनता ? सांसद , विधायक निधि से लेकर पार्षदों द्वारा हर साल बोर खनन का प्रस्ताव पारित किया जाता रहा है, गर्मी के दिनों में जनता को जल की किल्लत ना हो इस कारण बोर खनन के लिए लाखों रुपए सरकारी मद से आहरण किया जाता है। परंतु यह जनता का दुर्भाग्य है नेता अपने घर के सामने पार्षद अपने आंगन में बोर खनन करवा कर निजी उपयोग करते हैं, इधर जनता बुंद बुंद पानी के लिए लालाइत है, उधर मौज में जन प्रतिनिधि आखिर इस तरह के भ्रष्टाचार की जांच क्यों नहीं होती है, हर साल बोर खनन के नाम पर लाखों रुपए का दुर्पयोग होता है, क्यों हर साल शासकीय बोर का आडिट नहीं होता है? जनता शासन प्रशासन से जानना चाहती आखिर हर साल शासकीय मद से किया गया खर्च स्वत: शासन सार्वजनिक क्यों नहीं करती है, क्या सिर्फ जानकारी मागंने पर ही जानकारी साझा किया जायेगा। आज नगर में सैकड़ों बोर खनन हो चुके हैं पर जनता को एक भी बोर नजर क्यों नहीं आती है, वर्षों से जो सार्वजनिक बोर चल रहे उनके अलावा जो बोर खनन किया गया है वह कहां है ? सरकारी बोर में शासकीय बोर्ड लगा होना चाहिए पर यहां की नगर पंचायत पुरा भ्रष्ट नीतियों के साथ चल रही है।

सब एक थाली के चट्टे बट्टे हैं कोई किसी से सवाल जवाब नहीं करता। आज नगर की जनता पानी की किल्लत से बुंद बुंद के लिए मस्कत कर रही है, चौक चौराहों में इस भीषण गर्मी में पानी प्यास बुझाने के लिए प्याऊ तक नहीं है। नगरवासियों का क्या हाल बना दिया है नगर के जनप्रतिनिधियों ने अपने घरों में बड़े बड़े पाइप बिछा कर चौबिसों पहर बोर से पानी निकाल रहे हैं वहीं दुसरी तरफ जनता प्यासी है। आखिर जनता के लिए जनता के पैसों से बोर खनन करने के लिए राशि अंबाटित किया गया था, वह जनता का बोर कहां है कागजों में सैकड़ों बोर नगर में दिखाई देता है, पर असल में कहां है बोर इसका जवाब कुर्सी पर बैठ जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी को देना चाहिए आज सार्वजनिक बोर को सार्वजनिक करना चाहिए। नगर पंचायत अंतर्गत सैकड़ों बोर खनन हुए जिसमें से जनता को पानी मिलना चाहिए था परन्तु वह नहीं मिल रहा है। इस कारण आज नगर के आधे से अधिक हिस्से पानी के त्राहिमाम त्राहिमाम कर अपनी आवाज बुलंद करने में मजबूर हैं।

क्या कहते न.प. अध्यक्ष

नगर की पेयजल आपूर्ति मे तकनीकी खराबी की वजह से नगर के किसी वार्ड मे बाधा उतपन्न होते रहती है अब ज्यो ज्यो गर्मी बढ़ने के कारण भू जल स्तर निचे चला जाता रहा है इसे देखते हुए नप इससे निपटने के लिए पानी आपूर्ति को लेकर गंभीर है वही यह भी शिकायत मिल रही है की एक दो वार्ड पार्षद द्वारा सरकारी बोर से पानी की चोरी कर, सेकड़ो रु लेकर टैंकर के माध्यम से जरूरतमंदो को पानी बेचने का काम काफ़ी समय से करते आ रहे है, जिसे बर्दास्त नहीं किया जा सकता और पानी चोरी करते हुए पकड़े जाने पर उनके विधि संवत कार्यवाही की जाएगीl

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