भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत को पेश करती फिल्म ‘बंगाल 1947’

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डेटिंग ऐप्स के ज़रिये प्रेम तलाशती पीढ़ी फिल्म से जुड़ा हुआ महसूस करती है : सतीश पांडे

‘क्रू’ और ‘गॉडजिला’ जैसी ए लिस्टेड फिल्मों के साथ रिलीज होने के बावजूद यह फिल्म लोगों की पसंद बनी हुई है : सतीश पांडे
रायपुर।
दो बार के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्माता सतीश पांडे और आकाशादित्य लामा द्वारा निर्देशित की नई फिल्म ‘बंगाल 1947Ó को युवा दर्शकों ने सराहा है और ‘क्रू’ और ‘गॉडजिला’ जैसी ए लिस्टेड फिल्मों के साथ रिलीज होने के बावजूद यह फिल्म लोगों की पसंद बनी हुई है। ‘बंगाल 1947’ 29 मार्च को रिलीज हुई है। इस फिल्म के निर्माताओं में सतीश पांडे, ऋ षभ पांडे और आकाशादित्य लामा शामिल हैं। दर्शकों से मिली प्रतिक्रिया के बारे में बताते हुए, सतीश पांडे ने कहा, देवोलीना भट्टाचार्जी अभिनीत इस फिल्म ने युवा दर्शकों के बीच अभूतपूर्व प्रतिक्रिया पैदा की है, और ये युवा शबरी और मोहन के बीच की प्रेम कहानी से मंत्रमुग्ध हैं। दिलचस्प बात यह है कि डेटिंग ऐप्स के माध्यम से प्यार खोजने की आदी इस पीढ़ी को, फिल्म में दिखाया गया पुराने ज़माने का रोमांस बेहद निजी लगता है और वे उससे जुड़ा हुआ महसूस करते हैं।
वह आगे कहते हैं, एक निर्माता के रूप में यह मेरी और ऋषभ (जो एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता हैं) की पहली फीचर फिल्म है, और हमें जो जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है, वह स्टोरीटेलर के तौर पर हमारी सफलता का सच्चा प्रमाण है। इस दिलचस्प फिल्म निर्माण यात्रा में टीम से जो सराहनीय सहयोग मिला, उसके लिए मैं टीम के सभी सदस्यों का बेहद आभारी हूं। हालांकि विशिष्ट विषय पर केंद्रित सिनेमा चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन इससे हमें ऐसी फिल्में बनाने की प्रेरणा मिलती है जो बदलाव लाती हैं, महत्वपूर्ण सामाजिक मूल्यों को सामने लाती हैं और सार्थक बातचीत को बढ़ावा देती हैं। मैंने यह फिल्म व्यावसायिक उद्देश्य या पैसा कमाने के लिए के लिए नहीं बनाई है, बल्कि इसलिए बनाई है कि लोग हमारे इतिहास के बारे में जानें। मैं पिछले 5 वर्षों से एक अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव जूरी का सदस्य रहा हूं और हमेशा एक बहुत ही अलग विषय पर फिल्म बनाना चाहता था।
दर्शकों से ‘बंगाल 1947Ó देखने की अपील करते हुए, श्री पांडे ने बताया कि यह फिल्म हमारे देश की संस्कृति को सराहने और अपनी जड़ों से जुडऩे का एक अवसर देती है। हमारा इतिहास एक मूल्यवान संपत्ति है, और इसे समझना और इससे सीखना ज़रूरी है। इस फिल्म का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय संस्कृतियों से प्रभावित युवा वर्ग में भारतीय संस्कृति और विरासत की समृद्धि और गहराई के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। “बंगाल 1947 एक अद्वितीय परिप्रेक्ष्य पेश करती है जो दुनिया को प्रेरित कर सकती है। निर्माता पांडे ने भविष्य में विकास पर केंद्रित फिल्म बनाने की अपनी इच्छा जाहिर की और कहा कि हमारे प्रोडक्शन हाउस ‘कॉम्फेडÓ ने मुख्य रूप से पिछले चार दशकों से विकास से संबंधित विचारों पर ध्यान दिया है। हमारी आने वाली फिल्में भारत के अज्ञात क्षेत्रों का पता लगाएगी। फिल्म के कलाकारों में देवोलीना भट्टाचार्जी, सोहेला कपूर, ओमकार दास मानिकपुरी, आदित्य लाखिया, अनिल रस्तोगी, प्रमोद पवार, अंकुर अरमाम, सुरभि श्रीवास्तव, फलक राही, विक्रम टीडीआर और अतुल गंगवार शामिल हैं। फिल्म में संगीत अभिषेक रे ने दिया है।

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