जीई रोड के किनारे मस्जिद के स्वागत गेट और दर्जनभर दुकानों पर चला निगम का बुलडोजर
करबला कमिटी ने नगर निगम की कार्रवाई का विरोध किया और दावा किया कि उनका यहाँ कब्जा 1957 से है
भिलाई। नगर पालिक निगम भिलाई ने अतिक्रमण पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। सोमवार की सुबह भिलाई निगम की टीम ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जीई रोड़ के किनारे चंद्रा मौर्या टाकीज से निगम के जोन कार्यालय के बीच अवैध कब्जों को हटाया। इस दौरान निगम ने करबला समिति द्वारा निर्मित स्वागत व दुकानों को भी ढहा दिया। साथ ही अवैध रूप से निर्मित दर्जनों दुकानों को तोड़ा गया। सुबह 5 बजे से ही भिलाई निगम की टीम ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी थी। इस दौरान करबला समिति के पदाधिकारियों ने निगम की कार्रवाई का विरोध भी किया।
भिलाई में नगर निगम की टीम ने अवैध अतिक्रमण को जमींदोज कर दिया। नगर निगम की टीम ने सारा कब्जा हाई कोर्ट के आदेश के बाद हटा दिया। इस कार्रवाई के लिए नगर निगम का अमला यहाँ पहुँचा। इसके साथ पुलिस बल भी मौजूद था। इस जगह का प्रबन्धन करने वाली करबला कमिटी ने नोटिस के बाद भी यहाँ से अपना कब्जा नहीं हटाया था। इसके बाद नगर निगम की टीम ने मौके पर पहुँच कर पाँच दुकानें, एक मैरिज हाल और स्वागत गेट को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया गया। नगर निगम ने इस कार्रवाई से तीन दिन पहले एक नोटिस भेज दिया था। आरोप है कि वर्ष 1984 में मस्जिद के निर्माण के लिए लगभग 800 स्क्वायर फीट जमीन सरकार की तरफ से भिलाई-रायपुर हाइवे पर मिली थी। इसे यह जमीन विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण की तरफ से दी गई थी। निगम के अनुसार 800 स्क्वायर फीट की जगह ढाई एकड़ जमीन पर अतिक्रमण कर लिया गया। हाई कोर्ट ने एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए आदेश दिया था कि जल्द से जल्द यह कब्जा खाली करवाया जाए। इसके बाद भिलाई नगर निगम की टीम एक्शन में आई। वहीं करबला कमिटी ने नगर निगम की कार्रवाई का विरोध किया और दावा किया कि उनका यहाँ कब्जा 1957 से है।