नगर का तालाब खोते जा रहा अपना अस्तित्व
घरघोड़ा (गौरी शंकर गुप्ता)। घरघोड़ा नगर पंचायत क्षेत्र के नगर वासियों के लिए निस्तारी हेतु प्रमुख तालाबों की स्थिति काफी दयनीय हो गई है जिसे और विगत कई वर्षों से इस ओर ध्यान नहीं दिए जाने के कारण जहां आम लोगों के निस्तारित के लिए भारी परेशानी हो रही है वहीं तालाबों में कम वा गंदा पानी होने की वजह से दिनोंदिन नगर का जलस्तर भी गिरता जा रहा है जिससे गर्मी के मौसम में पानी के लिए नगरहवासियों को किल्लत का सामना करना पड़ता रहता है इस वर्ष तो नगर पंचायत तालाबों की साफ-सफाई के लिए कोई ध्यान नहीं दिया इस बार कांग्रेसी कि नगर सरकार आशा शर्मा ने तालाब की सफाई एवं सौंदर्यीकरण के लिए अच्छी खासी कार्य योजना तैयार की थी ऐसा बताया जाता है कि नगर वासियों को आगे चलकर नगर के दिन हीन अनाथ हो चुके तालाबों के दिन फिरेंगे आशा बंधी है ? मालूम हो कि नगर वासियों के निस्तारित के कहने को तो कई तालाब हैं जहा नगर वासी आम निस्तार करने थे किंतु विगत कुछ सालों से नगर के कुछ तालाबों में गंदगी ने अपना एकछत्र राज्य कायम कर लिया है तब से लोग ने तालाबों में आम निस्तारित प्रायः बंद कर दिया और इससे नगर वासियों को समस्या होने लगी बरसात ,ठंड के दिन तो ले देकर निकल जाते हैं लेकिन जैसे गर्मी का मौसम आता है लोगों को पानी के लिए अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है क्योंकि आम निस्तारित के लिए जो तालाब नगर में है वहां का पानी गंदा होकर बीमारी फैलाने वाला हो गया है तथा तालाबों का नहाने धोने लायक भी नहीं रह गया है नगर के कुछ तालाबों में धार्मिक कर्मकांड भी होते हैं और नगर वासियों को तालाब की गंदा पानी से धार्मिक कार्यक्रमों को निपटाना पड़ता है नगर पंचायत में इसके पहले भाजपा की नगर सरकार तब तालाबों की सफाई की ओर ध्यान दिया गया था और अब की बार कांग्रेस की नगर सरकार है फिर भी नगर स्वच्छ सुंदर बनाने का दावा किया जाता रहा है, नगर के मध्य बगमुड़ा छोटे तालाब में भारी गंदगी होने के कारण या तालाब निस्तार योग्य नहीं रह गया है।
जिस कारण यह तालाब नहाने तो क्या पशुओं के भी योग्य नहीं रह गए हैं यदि समय रहते इन तालाबों पर नगर का गंदा नरदा युक्त पानी की बहाव को नहीं रोका गया तो या तालाब अपने अस्तित्व खोकर चटियल मैदान में तब्दील हो सकता हैं नहीं नजर से कुछ ही दूर पर स्थित बैगामुडा तालाब भी जहां कुछ वॉर्ड के निवासी अपने निस्तारी के लिए पानी का उपयोग किया करते रहे हैं लेकिन नगर पंचायत के एक जनप्रतिनिधि के रिश्तेदार ने केवल अपने फायदे के लिए तालाब को मेड को तोड़कर तालाब का पानी अपने उपयोग में ले लिया और इधर पानी के लिए अभी से ही त्राहि त्राहि मची हुई है।