SECL जामपाली प्रबंधन की लापरवाही से ग्राम टेरम के निवासी हो रहे हैं परेशान
टेरम वासियो को निस्तारी के लिए हो रही है परेशानियां
घरघोड़ा (गाैरी शंंकर गुप्ता)। ग्रीष्म ऋतु लग चुकी है और शनै शनै गर्मियां भी बढ़ रही है साथ ही साथ जल स्तर भी नीचे जाने लगी है भूमि जल स्तर के गिर जाने से परेशानियां तो हो ही रही है लेकिन एस ई सी एल प्रबंधन की लापरवाही से जो परेशानियां सामने आ रही है उसे ग्रामीण आक्रोशित नजर आ रहे हैं।
आपको बताना चाहेंगे कि पिछले वर्ष जल संरक्षण एवं संवर्धन हेतु जलाशयों के गहरीकरण, गाद सफाई एवं वृक्षारोपण करने के लिए क्षेत्र के कोल माईन एवं विभिन्न कंपनियों को अलग अलग कार्य करने हेतु 20 मार्च 2023 को जिला कलेक्टर शाखा रायगढ़ द्वारा समय सीमा में कार्य पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया था जिसमे जिला कलेक्टर शाखा रायगढ़ द्वारा एस ई सी एल ओपन कास्ट कोल माईन जामपाली को घरघोड़ा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत टेरम के बांधा तालाब का तालाब गहरीकरण करने का निर्देश दिया गया था उक्त निर्देश के तहत एस ई सी एल जामपाली प्रबंधन द्वारा अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए पानी से भरी हुई तालाब के मेड़ को फोड़ दिया गया ताकि तालाब का पानी सूखने से तालाब का गहरीकरण किया जा सके l
तालाब के मेड़ को फोड़ने से तालाब कुछ ही दिनों में सुख तो गई परंतु एस ई सी एल प्रबंधन कुम्भकरण की निंद्रा में सो जाने के कारण तालाब का गहरीकरण नही किया जा सका और जब जागे भी तो तब जब बरसात आ चुकी थी l अभी वर्तमान में ग्रीष्म ऋतु चल रही है परंतु एस ई सी एल जामपाली प्रबंधन द्वारा तालाब गहरीकरण कराने कोई दिलचस्पी नही दिखा रहे है और कुम्भकरण की निंद्रा में फिर से सो गये हैं वही दूसरी ओर ग्राम पंचायत टेरम के निवासी निस्तारी के साथ साथ पीने की पानी के लिए भी तरस रहे है ग्रामीणों का आरोप है कि जब से एस ई सी एल बरौद जामपाली माइन्स खुली है तब से क्षेत्र का जल स्तर गिर गया है जल स्तर गिर जाने से क्षेत्र के हेण्डपम्प हवा उगल रहे है जिसकी जानकारी प्रबंधन को होने के बावजूद किसी भी प्रकार की सहयोग नही कर रहे है जिसके कारण ग्रामीण आक्रोशित होते जा रहे है साथ में जल्द तालाब का गहरीकरण नही किया गया तो ग्रामीण रायगढ़ अम्बिकापुर स्टेट हाइवे को बाधित कर आर्थिक नाकेबंदी करने तक कि बात कह रहे है अब देखना यह है कि समाचार के चलने के बाद एस ई सी एल जामपाली प्रबंधन कुम्भकरण की निंद्रा से जाग पाते है या फिर पल्ला झाड़ने के लिये बरसात के आने का इंतजार करते है।