रायपुर के मास्टर प्लान की होगी जांच, मंत्री चौधरी ने कहा- बहुत गड़बड़ी है

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रायपुर। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा जारी किए गए रायपुर के मास्टर प्लान में भी अब गड़बडियां उजागर होने लगी हैं। अब इसकी जांच होगी। हालात ऐसे हैं कि इस मास्टर प्लान में कई जगहों में आवासीय क्षेत्र को कृषि भूमि बताने के साथ ही मनोरंजन की भूमि भी बता दिया गया था। वहीं, कई क्षेत्रों में कालोनियों के बीच से भी सड़क का प्रविधान कर दिया गया है। प्लान में जिन जगहों पर तालाब दिखाया गया है, वहां वर्तमान में कालोनियां या फिर घर बनाए जा चुके हैं।


इतना ही नहीं, कई क्षेत्रों में बढ़ती जनसंख्या के दृष्टिकोण से मार्गों की चौड़ाई बढ़ाने के बजाय घटा भी दी गई है। इसे देखते हुए आरोप लगाया गया है कि अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए पूर्व मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने इस तरह का काम किया है। नगर एवं ग्राम निवेश के विभागीय मंत्री ओपी चौधरी से इसकी शिकायत की गई, जिस पर मंत्री ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं और कमेटी गठित करने की भी बात कही है। ऐसे में जांच के बाद मास्टर प्लान में संशोधन भी किया जा सकता है।


पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की ओर से जारी किए गए मास्टर प्लान में मुख्य रूप से मार्गों की चौड़ाई को कम किया जाना, भू-उपयोग आवासीय / वाणिज्यिक /सार्वजनिक-अद्र्धसार्वजनिक का कई ग्रामों में सुनियोजित ढंग से प्रविधान नहीं किया गया है। इसमें व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए मिश्रित भू-उपयोग चिह्नांकित किया था, लेकिन लोगों को पर्याप्त समय भी नहीं दिया गया। इसकी वजह से कई मामलों का निराकरण नहीं किया जा सका। आवास व पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने कहा, पूर्व में लागू किए गए मास्टर प्लान को लेकर बहुत सारी शिकायतें आई हैं, इसलिए नए सिरे से इसकी जांच की जाएगी।

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