कांकेर रियासत में दशहरा पर देव पूजा व देव मिलन समारोह का आयोजन
राज दशहरा पर्व में एबीवीपी कार्यकर्ताओ ने किया प्रबंधन
कांकेर। कांकेर रियासत में दशहरा पर देव पूजा व देव मिलन समारोह का आयोजन लगभग 22 वर्षो से हो रहा है। रियासत काल से यह परंपरा चली आ रही है। सालभर में सिर्फ दशहरा के दिन ही पैलेस को आम जनता के लिए खोला जाता है। सभी इस दिन रियासत के देव-विग्रह पैलेस पहुंचते है, जिनका पूजन किया जाता है। इसके अलावा आम जनता भी इस दिन पैलेस पहुंचकर राजा से भेंट कर सकती है। कांकेर रियासत में पहले राजापारा में दशहरा पर देव मिलन होता था। 1937 में डडिय़ा तालाम के समक्ष राजा भानुप्रतापदेव ने अपने कार्यधात भवन में शिफ्ट किया तब से दशहरा पर देव मिलन यही आयोजित होता है। दशहरा के दिन पैलेस आम जनता के लिए खुला रहता है। रियासत के दूर-दराज गांव से भी देवी-देवता बाजे-गाजे के साथ पहुंचते हैं। रियासतकालीन परंपरा के अनुसार देव-विग्रहों का स्वागत और पूजन किया जाता है। देवी-देवताओं के साथ मंदिर के पुजारी, भगत्, गायता, लोक नर्तक दल भी पहुंचते हैं। सुबह 10 बजे से ही देवी-देवताओं का पहुंचना शुरू हो जात है।महाराजाधिराज डॉ. आदित्य प्रतापदेव एवं राजमाता देवी-विग्रहों का स्वागत और पूजन करते हैं। देव-विग्रहों के साथ शस्त्रों का पूजन भी इस दिन होता है। कांकेर जिला के जिला संयोजक आदित्य मिश्रा ने बताया कि अभाविप पूरे देश भर में नवरात्र पर मंदिरों एवं धार्मिक आयोजनों में (स्स्नस्) स्टूडेंट फॉर सेवा के माध्यम से सेवा देने का कार्य कर रहे है, कांकेर के लिए देव मिलन कार्यक्रम में गाँव-गाँव से बड़ी संख्या में दर्शक आते है इतनी बड़ी संख्या के साथ व्यवस्थित रूप से कार्यक्रम सम्पन्न हो पाए इसके लिए विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने राजमहल में प्रबंधन का कार्य किया और धूम धाम से कायक्र्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में सेवा देने के लिए राजा श्री अश्विनी प्रताप देव जी ने राजपरिवार की ओर से विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं का सम्मान किया एवं कुशल प्रबंधन की सराहना की। व्यवस्था में मुख्य रूप से पैलेस प्रबंधक श्री आशीष दुबे जी, स्स्नस् प्रान्त टोली सदस्य ओमकृष्ण जैन, हर्ष सिन्हा, मनोज नेताम, वेदांत सोनी, सार्थक, ऋषिक तिवारी, हर्ष सिन्हा, नमन मरकाम,अतुल साहू, आदित्य झा, प्रांजल सिन्हा एवं अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।