श्रीराम लीला मंडली भवन से लाखों की चोरी, 4 चोर चढ़े पुलिस के हत्थे
कांकेर। विकासखंड कांकेर के नारा के श्रीरामलीला मंडली भवन में नकद 7 लाख रुपए चोरी होने का मामला सामने आया था। मामला दर्ज होने के उपरांत पुलिस ने चोरों की पतासाजी में जुटी। 4 चोर पुलिस के हत्थे चढ़े वहीं एक चोर फरार है। फरार चोर की तलाश में पुलिस जुटी हुई है। मामले की गंभीरता को देख वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आई़ कल्याण ऐलीसेला के निर्देशन में कांकेर पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण कर नजरी नक्शा तैयार किया। विवेचना के दौरान मुखबिर से मिली जानकारी एवं सीसीटीवी फुटेज एवं टावर डंप व टेकेनिकल सहयोग के आधार पर प्रकरण में जगदपुर के संतोषी वार्ड बोधघाट निवासी 47 वर्षीय संतोष कुमार दहिया उर्फ टिरली पिता स्व. रतन लाल, मेटगुड़ा निवासी नर सिंह कश्यप के बारे में संलिप्त होने की जानकारी मिली। आरोपी संतोष जगलदपुर से पकड़ में आया,वहीं नरसिंह कश्यप अपने मोबाइल फोन को बंद कर फरार हो गया। आरोपी संतोष से कड़ाई से पूछताछ करने पर उसके द्वारा बताया गया कि नारा के दो व्यक्ति 28 वर्षीय उमाकांत जैन पिता पेन कुमार जैन और 31 वर्षीय प्रहलाद सिन्हा पिता छबिलाल दोनों लोग अलग अलग अपराधों में कांकेर जेल में मेरे साथ थे। दोनों ने जेल में बताया था कि नारा में रामायण मण्डली है और मण्डली के आलमारी में हमेशा 10-12 लाख रुपए रहता है। मण्डली का घर गांव के बीच में है, वहां पर तीन मकान है। पहला मकान में आलमारी रखा हुआ है, ऐसा कहकर उमाकांत और प्रहलाद ने योजना बनाकर संतोष को बताया। कुछ दिनों बाद तीनों जमानत से कांकेर जेल से बाहर आने के बाद एक दिन संतोष अपने दोस्त नरसिंग कश्यप के साथ मोटर सायकल से जगदलपुर से कांकेर पहुँचे और पुराने साथी महेंद्र पिता वीर सिंह नारा से मुलाकात किया। महेंद्र ने संतोष को रात में रामायण मंडली के मकान को जाकर दिखाया और बोला कि आप लोगों से माकड़ी में मिलूंगा। संतोष और नरसिंग रामायण मंडली से आठ लाख रुपए चोरी करके माकड़ी न पहुँचकर सीधे जगदलपुर भाग गए। चोरी किए रकम को खाने पीने एवं जुआ सट्टा में खर्च करना बताया।
पकड़े गए आरोपी व जब्त सामान
इस मामले में संतोष कुमार दहरिया, उमाकांत जैन, प्रहलाद सिन्हा, महेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया, वहीं नर सिंह फरार है। आरोपी संतोष कुमार दहिया से मोटर सायकल, आलमारी, फ्रीज, साउण्ड बाक्स तथा मोबाइल जुमला कीमत 1 लाख 56 हजार रुपए बरामद किया गया है। आरोपियों को 21 अक्टूबर की रात को गिरफ्तार किया गया। प्रकरण में पूर्व धारा 331 (4), 305 (ए), 69 (2), 238, 3 (5) बीएनएस की धारा पृथक से जोड़ी गई।
कार्रवाई में इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका
उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी कांकेर निरीक्षक मनीष नागर, सहा उप निरीक्षक वेदन सलामे, प्रधान आरक्षक ओमप्रकाश कृषान, शक्ति सिंह, विरेन्द्र वट्टी, ढाल सिंह गंगासागर का योगदान रहा।