घरघोड़ा की राजनीति में ‘कबाड़ कनेक्शन’: भाजपा टिकट की मांग से उठे सवाल
अवैध कारोबार के आरोपों में घिरा अन्य प्रान्त का व्यक्ति टिकट का दावेदार
घरघोड़ा (गौरीशंकर गुप्ता)। घरघोड़ा नगर पंचायत, जो अब तक अपनी राजनीतिक गरिमा और अनुशासनबद्ध परंपराओं के लिए जानी जाती रही है, इन दिनों एक अप्रत्याशित विवाद के केंद्र में है। भारतीय जनता पार्टी से पार्षद का टिकट मांगने वालों की सूची में एक ऐसा नाम उभरकर सामने आया है, जो न केवल दीगर प्रांत का निवासी है, बल्कि लंबे समय से अवैध कबाड़ कारोबार के आरोपों से घिरा रहा है। इस व्यक्ति ने स्थानीय राजनीति में अपने कदम जमाने के लिए टिकट की मांग कर एक नई बहस को जन्म दिया है।
‘कबाड़-राजनीति’ से बिगड़ती साख
राजनीति और प्रतिष्ठा का यह विचित्र गठबंधन भारतीय जनता पार्टी के अनुशासन के सिद्धांतों पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। पार्टी जो सदैव अपनी सख्त आंतरिक नीतियों और अनुशासन के प्रति प्रतिबद्धता का दावा करती है, अब एक ऐसे व्यक्ति को टिकट देने पर विचार कर रही है, जो स्थानीय स्तर पर न केवल विवादित है, बल्कि जिसके व्यवसाय को अनैतिक गतिविधियों का पोषण देने वाला माना जाता रहा है।
विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम पार्टी की लोकल स्वीकार्यता और नीतिगत साख को गहरा आघात पहुंचा सकता है। स्थानीय जनता और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि यदि ऐसे व्यक्ति को पार्टी का चेहरा बनाया गया, तो पार्टी की छवि को अपूरणीय क्षति हो सकती है।
राजनीति में बाहरी हस्तक्षेप पर बढ़ता असंतोष
यह पहली बार नहीं है जब बाहरी प्रदेशों से आए व्यक्तियों ने घरघोड़ा की राजनीति में प्रवेश की कोशिश की है। परंतु, इस बार जिस प्रकार से कबाड़ के विवादित व्यवसाय से जुड़े व्यक्ति ने टिकट की दावेदारी ठोकी है, उसने स्थानीय कार्यकर्ताओं के असंतोष को चरम पर पहुंचा दिया है।
यह स्पष्ट है कि ऐसे व्यक्ति को टिकट दिए जाने से स्थानीय कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के मन में पार्टी के प्रति विश्वास कमजोर होगा। राजनीतिक विशेषज्ञों का तर्क है कि ऐसे संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति की उम्मीदवारी न केवल अनुचित है, बल्कि यह भाजपा की नैतिक और राजनीतिक रीति-नीतियों के विपरीत भी है।
क्या पार्टी करेगी साख बचाने की कोशिश?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय जनता पार्टी अपनी प्रतिष्ठा और नीतियों के अनुरूप निर्णय लेती है, या फिर विवादित और अस्वीकार्य पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को तरजीह देकर अपनी साख को दांव पर लगाती है।
पार्टी के भीतर और बाहर यह चर्चा है कि घरघोड़ा की जनता किसी भी हाल में ऐसे व्यक्ति को स्वीकृति नहीं देगी, जो स्थानीयता, प्रतिष्ठा, और नैतिकता के मानकों पर खरा नहीं उतरता।
स्थानीय भाजपा के कुछ नेता ही इसके कारोबार को बढ़ावा देने अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होने जनचर्चा हैं|