कुरकुट नदी से अवैध रेत खनन से बढ़ रहा है पर्यावरणीय खतरा

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रेत तस्करी से बिगड़ते हालात, प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव

घरघोड़ा (गौरी शंकर गुप्ता)। घरघोड़ा शहर की जीवनदायिनी मानी जाने वाली कुरकुट नदी के तटों से दिन-रात रेत की अवैध चोरी और तस्करी की घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं। इस अवैध खनन से न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि शहर के लोगों के लिए कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि रेत तस्करी में नाबालिग चालकों द्वारा ट्रैक्टरों का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे सड़क सुरक्षा भी गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है।
पर्यावरण पर पड़ रहा गंभीर असर
कुरकुट नदी, जो घरघोड़ा की जीवनरेखा मानी जाती है, इन अवैध खनन गतिविधियों के कारण अपने अस्तित्व पर संकट का सामना कर रही है। लगातार रेत की निकासी से नदी का जलस्तर घटता जा रहा है, जिससे जलस्रोतों पर दबाव बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह अवैध खनन ऐसे ही चलता रहा, तो नदी के तटीय क्षेत्रों का क्षरण और जलधाराओं का प्रवाह असंतुलित हो सकता है। इसके अलावा, नदी के आसपास की पारिस्थितिकी तंत्र को भी बड़ा नुकसान हो रहा है।
स्थानीय निवासी इस अवैध रेत खनन से परेशान हैं और कई बार प्रशासन से इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। एक निवासी ने बताया, “रेत तस्करों की गतिविधियों के कारण नदी के किनारे की जमीन धीरे-धीरे कमजोर हो रही है, जिससे बाढ़ और भूमि धंसने का खतरा बढ़ सकता है। हमारी फसलें और जीविका इससे प्रभावित हो रही हैं।
नाबालिग चालकों द्वारा ट्रैक्टरों का संचालन: सड़क सुरक्षा खतरे में
रेत की तस्करी में नाबालिग चालकों द्वारा ट्रैक्टरों का संचालन एक और गंभीर समस्या बन गई है। नाबालिग बच्चों द्वारा ट्रैक्टर चलाकर रेत का परिवहन किया जा रहा है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है। ये नाबालिग चालक बिना किसी प्रशिक्षण या लाइसेंस के ट्रैक्टर चला रहे हैं, जिससे सड़कों पर चलने वाले अन्य लोगों की जान को खतरा पैदा हो रहा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इन नाबालिग चालकों द्वारा तेज गति से ट्रैक्टर चलाने के कारण कई बार सड़क दुर्घटनाएं होते-होते बची हैं। “हमने कई बार देखा है कि ट्रैक्टर चलाने वाले बच्चे होते हैं, जो न तो सड़क नियमों का पालन करते हैं और न ही उनके पास अनुभव होता है। यह बहुत खतरनाक है,” एक स्थानीय दुकानदार ने कहा।
प्रशासनिक लापरवाही और कड़ी कार्रवाई की मांग
घरघोड़ा के स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से इस गंभीर समस्या पर तुरंत ध्यान देने और अवैध रेत खनन को रोकने की मांग की है। वे चाहते हैं कि प्रशासन रेत तस्करी में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई करे और नदी के तटों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। इसके साथ ही, नाबालिग चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, “प्रशासन को अवैध खनन पर अंकुश लगाने और नाबालिग चालकों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो न केवल हमारी नदी खत्म हो जाएगी, बल्कि हमारे बच्चों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाएगी।”
समाधान की दिशा में कदम उठाने की जरूरत
घरघोड़ा के लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं और उनके अनुसार, अवैध खनन और नाबालिग चालकों की समस्या का समाधान जल्द नहीं हुआ, तो यह क्षेत्र गंभीर संकट में आ जाएगा। रेत चोरी को रोकने के लिए कड़ी निगरानी और प्रशासनिक कदम उठाने की जरूरत है ताकि कुरकुट नदी और शहर की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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