घरघोड़ा के भूमि संरक्षण विभाग राष्ट्रीय जल ग्रहण मिशन में भारी अनियमितता
घरघोड़ा(गौरीशंकर गुप्ता)। राष्ट्रीय जल ग्रहण क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत घरघोड़ा जनपद पंचायत क्षेत्र पर अनेकों कार्य करवाये गये हैं । भूमि संरक्षण (भूमि कटाव रोकने) और भू-जल स्तर की आद्रता बनाए रखने के उद्देश्य से संचालित कार्यों में जिस तरह से शासकीय राशि व्यय की जा रही है उसके अनुरूप निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवालिया निशान लगी है, कौन से विकासखण्ड में किन-किन कार्यों में कितनी राशि व्यय किया गया है यह स्पष्ट नहीं है जिससे शासकीय राशि के तमाम कार्यों के व्यय का एवं कार्यों की गुणवत्ता का अंदाजा लगाना असंभव है । इतना स्पष्ट करना भी अनुचित नहीं होगा कि राष्ट्रीय जलग्रहण योजना की राशि से प्रचार-प्रसार कार्य में बेहद लापरवाही बरती गई है । फसल प्रदर्शन के लिये एवं किसानों को कृषि संयत्र दिलवाने के लिए समुचित मात्रा में अनुदान तक उपलब्ध नहीं करवाया जा सका है साथ ही कृषकों के प्रशिक्षण व सम्मेलन के नाम पर फर्जी बिल व्हाउचर भी कृषि ग्रामीण विस्तार अधिकारी व राष्ट्रीय जल ग्रहण मिशन के अधिकारी द्वारा तैयार करके शासकीय राशि में हेरा-फेरी किया जा रहा है । घरघोड़ा क्षेत्र में जलग्रहण क्षेत्र के चयनित क्षेत्रों पर माईक्रो वॉटर शेड से भूमि कटाव रोकने एवं जलधारण क्षमता, फसल उत्पादन बढ़ाने के लिये लॉइव चेक व बाउंस चेक, डराआउट चेक के तहत कृषि भूमि व अकृषि भूमि के जल बहाव मार्गों की व डराआउट चेक बनवाये गये हैं जिस पर कितनी राशि व्यय की गई । लेकिन वह महज कागजी घोड़े साबित हुए हैं । चेक के तहत, जल निकासी नालियों पर कार्य करवाये गये ताकि बरसात की पानी थम कर बहेगी एवं भू-जल स्तर में वृद्धि होगी । जिसमें कितनी राशि खर्च की गई वह अस्पष्ट है । इसी तरह स्मॉल डरा आउट पौंड के अंतर्गत कितने पौंड बनाये गये और उस पर कितनी धन राशि व्यय की गई उसे अधिकारी ही जान सकते हैं । क्षेत्र में वनस्पति अवरोधक लाइव के सिंग नाली पट स्थिरीकरण व कन्टर व्हेजिटेटीव्ह हेक्टेयर क्षेत्र पर कहीं-कहीं पर एकाध खरारोपित करके मिट्टी कटाव रोकने का प्रयास किया गया है व पौधे और बाड़ियों का रोपण भी कराया गया है । जलावन और इमारती लकड़ी उपलब्ध कराने का दावा भी किया जा रहा है जिससे जल ग्रहण क्षेत्र के तमाम किसानों को रोजगार के अवसर दिलाने का फार्मुला करार दिया गया है, सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि नाम मात्र के रोपित पौधे कितनी शेष बच कर पेड़ बनेंगे और किसानों को रोजगार के अवसर दिला सकेगी । फसल प्रदर्शन के लिये जल ग्रहण क्षेत्र में किसानों के फसल उत्पादन वृद्धि कृषकों को फसल प्रदर्शन करवाया जाना, जिससे कम लागत में अधिक उत्पादन को प्रोत्साहित किया गया । फसल प्रदर्शन के नाम पर किसानों को खाद, बीज, उर्वरक व कीटनाशक दवाईयां उपलब्ध भी कराया जाता है किंतु अधिकांश किसानों को नाम मात्र भी उपलब्ध नहीं कराये जाने की जानकारी मिली है । परिवार मूलक कार्ड के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को जातिगत व्यवसाय में हितग्राही को बढ़ई, लोहारी कार्य के लिये सहायता देकर रोजगार चलाने राहत उपलब्ध कराया जाता है । साथ ही कुछ हितग्राहियों को मुर्गीपालन के लिये नाम मात्र सहायता दिया गया है । बहरहाल राष्ट्रीय जल ग्रहण क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत कृषि, पशुपालन, जलग्रहण तथा वनविभाग की सामंजस्य पूर्वक कराये गये क्षेत्र के तमाम कागजी घोड़े जैसे कार्यों की ईमानदारी व निष्पक्षता पूर्वक जांच कराना जरूरी हो गया है जिससे राष्ट्रीय जल ग्रहण योजना की राशि क्षेत्र के विकाश के लिए सदुपयोगी हो सके, साथ ही गरीब कृषकों को राहत मिल सके अन्यथा करोड़ों रूपये शासकीय धन व्यय होती रहेगी और भ्रष्टाचारी मालामाल होते रहेंगे और गरीब किसानों की हालत जस की तस बनी रहेगी ?