पीएम आवास शहरी के आधे-अधूरे मकान दो माह में करने होंगे पूरे, उपमुख्यमंत्री साव ने दिए निर्देश

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दो साल पहले हुए थे स्वीकृत, लेकिन काम अधूरा

रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत दो साल पहले स्वीकृत किए गए 2 लाख 24 हजार 310 मकानों में से 65 हजार 280 मकान अब तक आधे-अधूरे ही बन पाए हैं। उपमुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के भारसाधक मंत्री अरुण साव ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया है। उन्होंने इन सभी मकानों को 31 मार्च तक पूरा तैयार करने का निर्देश दिया है। इसी योजना के तहत मंजूर मकानों में से 20 हजार 259 आ‌वास बनना ही शुरू नहीं हुए हैं। इन्हें दो चरणों में मार्च तक बनाना शुरू करने कहा गया है।


समीक्षा बैठक से सामने आई जानकारी
छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के पांच साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण पूरी तरह विवाद में रही। इसके साथ ही प्रधानमंत्री आ‌वास योजना शहरी मोर जमीन मोर मकान घटक (बीएलसी) के तहत भी कामकाज बेहद ढीला रहा है। उपमुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के भारसाधक मंत्री अरुण साव ने पिछले दिनों जब प्रदेश के सभी नगरीय निकायों की समीक्षा की, तो ये बात सामने आई कि पीएम शहरी के मकान निर्माण का काम आधा-अधूरा और असंतोष जनक है। लिहाजा अब इन मकानों के निर्माण को लेकर कड़े निर्देश जारी किए गए हैं।


ये है पीएम आवास शहरी का हाल
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी मोर जमीन-मोर मकान (बीएलसी घटक) के अंतर्गत दो साल पहले वर्ष 2022 मार्च में कुल 2 लाख 24 हजार 310 आवास स्वीकृत किए गए थे। इनमें अब तक 65 हजार 280 मकान आधे-अधूरे हैं, यानी प्रगतिरत हैं। इन मकानों को 31 मार्च तक अनिवार्यत: पूरा करने कहा गया है। इन्ही स्वीकृत आवासों में से 20 हजार 259 अब तक बनना ही शुरू नहीं हुए हैं, यानी अप्रारंभ हैं। इनके संबंध में कहा गया है कि 5 हजार 354 मकानों को तत्काल बनाना शुरू किया जाए। इसी तरह अप्रारंभ 14 हजार 905 आवास को 29 फरवरी से बनाना शुरू करें। यह काम तय तारीख पर अनिवार्यत: करने कहा गया है।


देर की तो होगी कड़ी कार्रवाई
उपमुख्यमंत्री के निर्देश के बाद नगरीय प्रशासन ए‌वं विकास विभाग ने प्रदेश के सभी नगर निगम आयुक्त, सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों को आदेश जारी किया है। इसी आदेश में कहा गया है कि शासन द्वारा दिए गए लक्ष्य को निर्धारित समयावधि में प्राप्त नहीं किए जाने की स्थिति में संबंधित आयुक्त, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, योजना के नोडल अधिकारी, संबंधित एसएलटी विशेषज्ञ, सीएलटी विशेषज्ञ के विरुद्ध जिम्मेदारी तय कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। खास बात ये है कि इसी आदेश में साफ किया गया है कि पीएम आवास शहरी राज्य शासन की प्राथमिकता का विषय है। शासन द्वारा दिए गए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए की गई कार्यवाही का मूल्यांकन संबंधित आयुक्त एवं अन्य अधिकारियों के गोपनीय प्रतिवेदन में दर्शित होगा।

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