भारी गाड़ियों के प्रवेश के विरोध में उस्मान बेग के नेतृत्व में लोगों का उग्र प्रदर्शन, तमनार सड़क पर आर्थिक नाकेबंदी

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बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, क्षेत्र वाशी रहे उपस्थित

भारी वाहनों की वजह से हो चुके हैं कई हादसे, जा चुकी है कई जाने

घरघोड़ा (गौरी शंकर गुप्ता)। कुछ दिन पूर्व युवा नेता उस्मान बेग के नेतृत्व में बड़ी संख्या में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि युवा वर्ग व आमजनो के द्वारा घरघोड़ा एसडीएम कार्यालय व थाना में क्षेत्र के घरघोड़ा तमनार सड़क में भारी वाहनो के प्रवेश के सूचना मिलने पर एकत्रित होकर प्रशासन के फ़ैसले के ख़िलाफ़ लामबंद हुए व एसडीएम व थाना प्रभारी को इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ एक मार्च को सड़क में आर्थिक नाकेबंदी का एलान कर दिया था जिसको देखते हुये शासन प्रशासन बहुत ही ज़्यादा अलर्ट थी , वही समय मुताबिक़ जनप्रतिनिधियों व क्षेत्रवाशियो द्वारा उस्मान बेग के नेतृत्व में सुबह सात बजे से झारियापाली चौक पर आर्थिक नाकेबंदी करते हुए ज़ोरदार नारेबाज़ी करते हुए घंटों बैठकर प्रशासन के गाड़ी आवागमन के फ़ैसले व किसानों के बकाया सड़क मुआवज़ा देने के माँग पर अड़े रहे।


स्थानीय प्रशासन पुलिस सकते में आते हुए मान मूनव्वल का दौर लगातार उस्मान बेग व टीम को करती रही, पर वो अपनी माँगो पर अड़े रहे वही दूसरी ओर तमनार ब्लाक के जनप्रतिनिधियों द्वारा भी ग्राम जरेकेला में इसी फ़ैसले व माँग पर टेंट लगाकार धरने पर बैठ गए, वही तमनार के प्रतिनिधिमंडल द्वारा झारियाप्ली आकर घरघोड़ा ब्लाक व तमनार ब्लाक के सभी को एक मंच पर बैठकर इसे करने की बात रखी गई वही प्रशासन के द्वारा आमजनता को हो रही परेशानियों को देखते हुए माँगे मानने की बात कही गई तब जाकर दोपहर झारियापाली का आंदोलन को वहाँ से जरेकेला में जाकर दोनों ब्लाक के साथ किया जा रहा है ।
हालाँकि जहां आज दिनांक से भारी गाड़ियो का आवागमन चालू होना था वह चालू नहीं हो सका व आगे चालू होने की उम्मीद नहीं दिख रही जब तक राज्य शासन इस पर कड़े फ़ैसले अख़्तियार नहीं करती युवा नेता व जनप्रतिनिधि उस्मान बेग जी ने कहा कि लड़ाई लंबी है, अंतिम साँस तक लड़ेंगे, बड़ी गाड़ियो के आवागमन पर रोक लगे व किसानों को बाक़ी अप्राप्त मुआवज़ा प्राप्त हो । ये है मामला- घरघोड़ा से तमनार जाने का एकमात्र पक्की सड़क जो कि ग्रामीण सड़क है जिसमें सड़क के किनारे कई गांव और स्कूल स्थापित है और लगभग 25 वर्ष के बाद दोबारा यह सड़क पक्की बनाई गई है जिस पर अभी भी रोजाना सैकड़ों की संख्या में बिना परमिशन के ओवरलोड कोयले से भरी ट्रेलर चल रही हैं व आगे चलने का फ़ैसला अख़्तियार किया है- पूंजीपथरा-तमनार मिलूपारा मार्ग लंबाई 26 कि.मी.निर्माणधीन साथ मे भारी वाहनों के चलने से निर्माण कार्य प्रभावित हो रहे है जिसको देखते हुए कार्यपालन अभियंता लो.नि.वि. रायगढ़ द्वारा पूंजीपथरा-तमनार मार्ग को जल्द पूरा करने को लेकर भारी वाहनों को परिवर्तित कर तमनार से घरघोड़ा मार्ग का उपयोग करने की बात सामने आ रही है ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि वर्तमान में यह क्षेत्र औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण भारी वाहनों का आवागमन बहुत ज्यादा है जिससे यहां दुर्घटनाएं आए दिन होते रहती है। साथ मे ग्रामीणो द्वारा भी लगातार तमनार से घरघोड़ा मार्ग पर आना जाना लगा रहता है। जिसके कारण कई दुर्घटनाएँ हो चुकी है साथ मे उक्त मार्ग की क्षमता भारी वाहन चलाने योग्य नही है कई आन्दोलन करने के बाद इस मार्ग पर भारी वाहनों का आवागमन प्रशासन की ओर से बंद कराया गया फिर भी रात को 10 बजे के बाद कुछ ट्रांसपोर्टरों द्वारा शासन के नियमो को दरकिनार करते हुए धड़ल्ले से भारी वाहन का परिचालन किया जाता है जिससे कई दुर्घटनाएँ हुई है जिससे जानमाल का भी नुकसान हो चुकी है एवं सड़क भी कई जगहों से छतिग्रस्त हो चुकी है एवं भारी वाहनों के चलने से कोयला व फ्लाईएश के गिरने से किसानों का फसल भी बर्बाद हुआ है जिसके कारण गांव वालों की जन धन की हानि हुई है । वर्तमान में भारी वाहनों के चलने से यह मार्ग आमजनों के चलने योग्य नही रह जाएगा इस कारण यह वैकल्पिक मार्ग का उपयोग किया जाना संभव नहीं है। इस मार्ग में स्कूली बच्चों का भी आना जाना लगा रहता है इस क्षेत्र में यह इकलौता मार्ग है जो चलने योग्य बचा है जिसे कंपनी के फायदे के लिए इस मार्ग का वैकल्पिक रास्ता निकालना भविष्य के लिए एक बहुत बड़ी जन धन की हानि की संभावना को बढ़ाया जाना साबित होगा। ऐसे में यह मार्ग का वैकल्पिक रास्ता चयन किया जाना संभव नही है।
भारी वाहनों की वजह से हो चुके हैं कई हादसे, जा चुकी है कई जाने
तमनार घरघोड़ा मार्ग पर बीते महीने भारी वाहनों की वजह से कई सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी है। प्रतिबंधित क्षेत्र में भी बेलगाम रफ्तार से फर्राटा भर रहे भारी वाहनों की ठोकर से लोगों की जान जा चुकी है। लेकिन भारी वाहनों पर प्रशासनिक कार्यवाही ना होना कहीं न कहीं सवालिया निशान पैदा करता है। दबी जुबान ग्रामीण कहने लगे हैं कि बड़े ट्रांसपोर्टर और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच मामला सेटिंग पर चल रहा है।

आज के अनिश्चित क़ालीन आंदोलन में क्षेत्र वाशियो का कहना है की कुछ भी हो जाये गाड़ियाँ चलने नहीं दी जायेगी, अगर चलवाना हो तो पहले सड़क चौड़ी की जाये, किलोमीटर पर सुचारू रूप से अन्य चीजे व्यवस्था करे तब जाकर हम बात मानेंगे और किसानों का इस सड़क पर बकाया मुआवज़ा देने की माँग पर सभी अड़े हुए है
आज के आंदोलन में आज मुख्य रूप से क्षेत्र बीडीसी गण, सरपंच गण,युवा कांग्रेस, एनएसयूआई नेता समेत क्षेत्रवाशी उपस्थित रहे

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