January 30, 2025

निर्दलीय नपं अध्यक्ष प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह चौधरी की एंट्री से बदला चुनावी समीकरण

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घरघोड़ा नगर पंचायत चुनाव

घरघोड़ा (गौरी शंकर गुप्ता)। नगर पंचायत चुनाव में पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह चौधरी (सिल्लु भैया) की निर्दलीय दावेदारी ने सियासी माहौल में जबरदस्त हलचल मचा दी है। जय स्तंभ चौक पर हजारों समर्थकों की उपस्थिति में उन्होंने चुनाव लड़ने की घोषणा की, जिससे राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदलते नजर आ रहे हैं। इस फैसले ने कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है, क्योंकि चौधरी की लोकप्रियता और जनाधार को देखते हुए यह मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है।

जनता की मांग पर लिया बड़ा फैसला : सुरेंद्र सिंह चौधरी ने अपने संबोधन में कहा, “यह चुनाव मेरा नहीं, बल्कि घरघोड़ा की जनता का चुनाव है। आप सभी का प्रेम, विश्वास और समर्थन ही मेरी सबसे बड़ी ताकत है। मेरा उद्देश्य राजनीति नहीं, जनसेवा है और मैं इसे किसी भी कीमत पर जारी रखूंगा।” बीते चुनावों में भी चौधरी ने जब निर्दलीय रूप में मैदान में कदम रखा था, तो जनता ने उन्हें ऐतिहासिक जीत दिलाई थी। इस बार भी उनके पक्ष में उमड़ी भीड़ को देखकर स्पष्ट हो गया है कि वे नगरवासियों के बीच एक मजबूत जननेता के रूप में स्थापित हो चुके हैं।

भारी जनसमर्थन से बदला खेल…

चौधरी के नामांकन के दौरान नगर भर में समर्थकों का सैलाब उमड़ पड़ा। उनके समर्थन में गूंजते नारे—
🔹 “जनता का भैया, सिल्लु भैया!”
🔹 “विकास करैया, सिल्लु भैया!”
🔹 “सुख-दुख के साथी, सिल्लु भैया!”
पूरे माहौल को चुनावी उत्सव में बदल रहे थे।

इस भारी जनसमर्थन ने यह साबित कर दिया है कि इस बार का चुनाव केवल सत्ता की लड़ाई नहीं, बल्कि घरघोड़ा के भविष्य का निर्णय है।

कांग्रेस-भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ीं :

चौधरी की निर्दलीय दावेदारी ने कांग्रेस और भाजपा दोनों के रणनीतिकारों के लिए सिरदर्द बढ़ा दिया है। कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका लगा है, क्योंकि चौधरी उनके टिकट के सबसे मजबूत दावेदार थे। वहीं भाजपा के लिए भी यह चुनौती कम नहीं है, क्योंकि वोटों का सीधा बंटवारा होना तय है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चौधरी के मैदान में उतरने से घरघोड़ा में त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है, लेकिन जिस तरह से जनता का झुकाव दिख रहा है, उससे लगता है कि यह चुनाव एकतरफा भी हो सकता है।

घरघोड़ा के विकास का वादा :

सुरेंद्र सिंह चौधरी ने अपने भाषण में कहा कि वे घरघोड़ा के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने वादा किया कि—
✔ नगर में बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
✔ युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
✔ सफाई, स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

क्या दोहराएंगे इतिहास?

नगर पंचायत चुनाव अब सिर्फ एक चुनाव नहीं, बल्कि घरघोड़ा की जनता की उम्मीदों और विश्वास की परीक्षा बन चुका है। जिस तरह से सुरेंद्र सिंह चौधरी को जनता का समर्थन मिल रहा है, वह संकेत दे रहा है कि यह चुनाव एक नया इतिहास रच सकता है। अब देखना यह होगा कि क्या चौधरी इस बार भी जनता के समर्थन से एक और ऐतिहासिक जीत दर्ज करेंगे या फिर कांग्रेस-भाजपा कोई नई रणनीति अपनाकर मुकाबले को कड़ा बना पाएंगी।

अब सबकी निगाहें चुनावी नतीजों पर टिकीं हैं… क्या घरघोड़ा की जनता फिर से ‘सिल्लु भैया’ के हाथ में कमान सौंपेगी?

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