भूपेश की छवि खराब करने भाजपा और ईडी का षडयंत्र : बैज

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रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ ईडी के पत्र के आधार पर ईओडब्ल्यू में की गई एफआईआर पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, ईडी की जांच और ईओडब्ल्यू की एफआईआर में राजनैतिक षडयंत्र साफ दिख रहा है। उन्होंने सवाल किया कि लोकसभा चुनाव के पहले ही यह एफआईआर क्यों दर्ज की गई? ईडी की सारी कार्रवाई की टाइमिंग भाजपा को राजनैतिक लाभ पहुंचाने वाली ही क्यों होती है? कांग्रेस ने इस कार्रवाई पर 10 सवाल उठाए, इसमें केंद्र सरकार महादेव एप पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा रही? पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज एफआईआर का आधार क्या है? असीम दास से ईडी ने रुपए बरामद किए, उसके पास रुपए कहां से आए? उसकी जांच क्यों नहीं की गई। असीम दास की फोटो भाजपा नेताओं के साथ आई है तो ईडी-ईओडब्ल्यू ने उन दोनों का नाम एफआईआर में क्यों नहीं दर्ज किया? शुभम सोनी का वीडियो भाजपा ने जारी किया था। शुभम सोनी के भाजपा से क्या संबंध हैं। ईडी ने इसकी जांच क्यों नहीं की? सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल की फोटो भाजपा नेताओं के साथ भी सार्वजनिक है, उन दोनों से पूछताछ क्यों नहीं की गई? शुभम सोनी, सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल को ईडी गिरफ्तार कर के दुबई से वापस क्यों नहीं ला रही है? ईडी ने ईओडब्ल्यू को इस मामले में जो पत्र लिखा था, उसमें कुछ आईपीएस एवं अन्य अधिकारियों के भी नाम है, उनके नाम एफआईआर में क्यों छोड़ दिए? असीम दास की गिरफ्तारी के समय जिस इनोवा गाड़ी से रुपए जब्त हुए थे, उसके मालिक भाजपा विधायक अमर अग्रवाल के भाई के हैं। उनसे ईडी ने कब पूछताछ की है? शुभम सोनी जब दुबई में काउंसलर के समक्ष बयान देने गया था, तब उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?
भाजपा नेताओं से पूछताछ क्यों नहीं
असीम दास के कथित बयान के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री पर मुकदमा दर्ज किया गया, उस बयान का असीम दास ने अदालत में खंडन भी किया तथा कहा कि वह बयान ईडी के दबाव में दिया था। उसके बाद भी भूपेश बघेल पर मुकदमा दर्ज किया गया। उसी असीम दास के साथ संबंधों के आधार पर भाजपा नेताओं से पूछताछ तक नहीं की गई। यह ईडी के षडयंत्रों को बताने के लिए पर्याप्त है।

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