कांग्रेस के नाराज पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं से संपर्क करेगी समिति
रायपुर। कांग्रेस के नाराज पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को चुनाव कार्य में सहयोग करने संवाद और संपर्क कमेटी सभी लोकसभा क्षेत्रों में जाएगी। पीसीसी ने लोकसभा चुनाव का टिकट फाइनल होने के बाद पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के विरोध और पार्टी छोड़ने की घटनाओं को लेकर समिति का गठन किया है। 14 सदस्यीय समिति के संयोजक धनेंद्र साहू ने राजीव भवन में सदस्यों की बैठक लेकर कांग्रेस के नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने के संबंध में रणनीति तैयार की है।
कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में बैठक के बाद संवाददाताओं से चर्चा में धनेंद्र साहू ने संवाददाताओं से कहा, लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों और जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों और संगठन के लोगों के बीच समन्वय बनाने का प्रयास किया जाएगा। चुनाव मैदान में आपसी समन्वय बनाकर काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि समिति की पहली बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सदस्यों को एक-एक लोकसभा का प्रभारी बनाकर वहां की गतिविधियों के बारे मेें जानकारी ली जाएगी। विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़कर जाने वालों से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि जिन्हे जाना था वो चले गए। अब कोई नाराजगी की वजह से ना जाए इसके प्रयास होंगे। पार्टी के अंदर जो दुखी और नाराज हैं, उन्हें मनाया जाएगा। गुणदोष के आधार पर जानकारी एकत्र की जाएगी।
नाराज नेताओं पर ध्यान
संवाद समिति का ध्यान प्रदेश के उन नाराज नेताओं पर रहेगा जो स्थानीय राजनीति या अन्य कारणों से नाराज हैं। पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा नही ले रहे हैं। ऐसे लोगों को चुनाव कार्य में जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। समिति ने ऐसे लोगों की जानकारी के बारे कहा कि जिला और ब्लॉक कांग्रेस के अलावा अन्य माध्यमाें से इसकी जानकारी एकत्र की जाएगी।
कांग्रेस में अंर्तविरोध चरम पर, कैसे काम कर पाएगी संवाद समिति- श्रीवास्तव
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा, कांग्रेस वह पार्टी है, जहां प्यास से मरने की स्थिति हो गई तब कुआं खोदने की सुध ली है। लोकसभा चुनाव के लिए मतदान के चंद दिनों पूर्व पीसीसी की ओर से गठित 14 सदस्यीय समिति के गठन के औचित्य पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कांग्रेसियों से सवाल किया कि चुनाव में हारने की कगार पर पहुंच चुकी पार्टी को अचानक अब यह सुध कैसे आ गई।
उन्होंने कहा, समिति में जिन चेहरों को शामिल किया है उनके बीच ही समन्वय स्थापित हो जाए तो बड़ी बात होगी। टीम में तीन पूर्व अध्यक्ष, छह पूर्व मंत्री सहित अलग-अलग मत के लोग शामिल हैं। इनके बीच संवाद स्थापित हो पाएगा इस पर संदेह है।