घरघोड़ा थाना में मचा घमासान: भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर एफआईआर !

घरघोड़ा थाना प्रभारी और आरक्षक के लाइन अटैक होने के 2 घंटे बाद मामला उजागर करने वाले नपं उपाध्यक्ष पर FIR क्यों ?

घरघोड़ा (गौरी शंकर गुप्ता )। रायगढ़ ज़िले के घरघोड़ा थाना में घमासान मचा हुआ है। नगर पंचायत उपाध्यक्ष अमित त्रिपाठी द्वारा पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के खिलाफ उठाई गई आवाज़ अब उनके लिए अभिशाप बन गई है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अमित त्रिपाठी ने घरघोड़ा थाना प्रभारी (टीआई) के खिलाफ लगातार उच्च अधिकारियों को शिकायतें भेजी थीं। इन शिकायतों में अवैध वसूली , राजनीतिक संरक्षण में हो रहे अन्यायपूर्ण कार्य तथा जनहित की अनदेखी जैसे गंभीर आरोप थे। शिकायतों को लेकर की गई जांच में टीआई की संलिप्तता प्रमाणित पाई गई, जिसके चलते उच्च कार्यालय ने उन्हें लाइन हाजिर कर दिया, साथ ही दो आरक्षकों को भी हटाया गया। लेकिन घरघोड़ा थाना प्रभारी और आरक्षक के लाइन अटैक होने के 2 घंटे बाद मामला उजागर करने वाले अमित त्रिपाठी पर मारपीट के मामले में FIR दर्ज़ होने से क्षेत्र में माहौल गर्म हो गया है।
उधर लाइन हाजिर का आदेश ईधर 2 घण्टे में एफआईआर
जैसे ही दोपहर लगभग 12 बजे टीआई के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी सार्वजनिक हुई, उसी दिन महज दो घंटे के भीतर अमित त्रिपाठी व उनके सहयोगियों पर मारपीट का मामला दर्ज कर दिया गया। आरोप है कि यह टीआई द्वारा अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर क्रियान्वित की गई।अमित त्रिपाठी कहना है कि जिस समय की घटना एफआईआर में दर्शाई गई है, उसी वक्त वो स्वयं घरघोड़ा थाने में उपस्थित थे और इसका प्रमाण भी उपलब्ध है। फिर भी कथित पीड़ित ने घटना की शिकायत स्थानीय थाने में न देकर रायगढ़ में की, जिससे पूरा मामला संदेहास्पद और सुनियोजित षड्यंत्र की ओर इशारा करता है। सच्चाई उजागर करने वालों को दंडित किया जा रहा है। अगर ऐसे मामलों को उच्च स्तरीय संज्ञान में लेकर निष्पक्ष जांच नहीं करवाई गई तो घरघोड़ा क्षेत्र में अपराधियों का वर्चस्व कायम हो जाएगा। नगर पंचायत उपाध्यक्ष अमित त्रिपाठी के खिलाफ किया गया FIR फर्जी है या सही है, अब यह जांच का विषय है, बहरहाल घरघोड़ा थाना में अभी घमासान मचा हुआ है ।