बिटकॉइन, सोना, शेयर या बॉन्ड….किसमें करें निवेश
इस समय शेयर बाजार, सोना, बिटकॉइन समेत सभी एसेट्स अपने ऑल-टाइम हाई के करीब ट्रेड कर रहे हैं। बिटकॉइन ने पिछले सप्ताह नया रिकॉर्ड बनाया था। ब्याज दरों में कटौती की संभावना के बाद डेट फंड्स में भी अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद दिख रही है। ऐसी स्थिति में निवेश कनफ्यूज हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि अपना पैसा कहां निवेश करें। बाजार में हमेश रिस्क चलता रहता है। इसलिए कोई भी कदम उठाने से पहले एक बार अपने लक्ष्य और रिस्क क्षमता को देख लें तो बेहतर होगा।
- इस समय सभी एसेट्स ऑल-टाइम हाई के करीब कर रहे हैं ट्रेड
- निवेशक हो रहे कन्फयूज क्या करें, क्या न करें, क्या रहेगा बढ़िया
- सेंसेक्स और निफ्टी50 अपने उच्चतम स्तर के करीब पहुंचे
- ब्याज दरों में कटौती की संभावना से डेट फंड्स भी बेहतर
- सोना भी ऑल-टाइम हाई पर, पोर्टफोलियो का 15 से 20 फीसदी निवेश करें
- बिटकॉइन सबसे रिस्की, लेकिन दे रहा सबसे ज्यादा रिटर्न
निवेशकों में आजकल कनफ्यूजन की स्थिति है। इसकी वजह यह है कि निवेश के सभी विकल्पों में तेजी दिख रही है। घरेलू शेयर बाजार अपने ऑल-टाइम हाई के करीब ट्रेड कर रहे हैं। सोना भी अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है। क्रिप्टो मार्केट में भी बहार आई हुई है। बिटकॉइन ने पिछले हफ्ते नया रेकॉर्ड बनाया था। ब्याज दरों में कटौती की संभावना के बाद डेट फंड्स में भी अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद दिख रही है। ऐसी स्थिति में इन्वेस्टर्स कनफ्यूज हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि अपना पैसा कहां निवेश करें। हालांकि कहा जाता है कि म्युचुअल फंड पैसा निवेश करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। लेकिन इस समय निवेश के सभी विकल्प गुलजार हैं। ऐसे में सभी ज्यादा से ज्यादा लाभ लेना चाहते हैं और निवेश के लिए तमाम जतन कर रहे हैं। इा रिपोर्ट के जरिये हम आपको बताएंगे कि जब हर तरह का बाजार बुलंदी पर हो तो क्या करना चाहिया या निवेश का कौना सा तरीका बेस्ट हो सकता है।
इक्विटी
प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी-50 अपने उच्चतम स्तर के करीब ट्रेड कर रहे हैं। जानकारों की मानें तो निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में सबसे ज्यादा इक्विटी में निवेश करना चाहिए। इसमें भी एसआईपी सबसे बेहतर विकल्प है। निवेशक के पोर्टफोलियो में 20 परसेंट पैसिव लार्ज-कैप फंड, 50 परसेंट फ्लेक्सी-कैप फंड और 30 परसेंट मिड-कैप फंड होना चाहिए। इससे आपके पोर्टफोलियो का डाइवर्सिफिकेशन होगा और जोखिम में संतुलन रहेगा।
डेट
मीडियम-टर्म गोल के लिए डेट बेस्ट एसेट क्लास है। ब्याज दरों में कटौती की संभावना से डेट फंड्स पर ज्यादा रिटर्न मिलने की उम्मीद है। इंटरेस्ट रेट में कमी आती है तो बॉन्ड की कीमतें बढ़ती हैं। इसमें ज्यादा जोखिम भी नहीं रहती है। जो निवेशक ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, वे अपने पोर्टफोलियो का 40 परसेंट डेट में निवेश कर सकते हैं। इसी तरह 40 फीसदी इक्विटी में और बाकी 20 फीसदी दूसरे एसेट क्लास में निवेश किया जा सकता है।
गोल्ड
सोना भी ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया। देश में इसका भाव 67,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गया है जो इसका नया रेकॉर्ड है। जानकारों की मानें को निवेशक को अपने पोर्टफोलियो का 15 से 20 फीसदी सोने में निवेश करना चाहिए। पिछले 20 साल में गोल्ड ने 11 फीसदी से अधिक सालाना रिटर्न दिया है जबकि इस दौरान चांदी की सालाना रफ्तार नौ फीसदी रही है। हाल के वर्षों में चांदी ने सोने से बेहतर रिटर्न दिया है।
बिटकॉइन
क्रिप्टोकरेंसीज की कीमत में हाल के दिनों में भारी तेजी देखने को मिली है। दुनिया की सबसे पुरानी, सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत पिछले हफ्ते ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गई। भारत में सरकार ने क्रिप्टोकरेंसीज को रेगुलेट नहीं किया है। ऐसे में जानकारों का कहना है कि क्रिप्टो में अपने पोर्टफोलियो का 5-10 फीसदी से ज्यादा निवेश नहीं करना चाहिए। हालांकि हाल के वर्षों में बिटकॉइन ने सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है।
कितना कैश होना चाहिए
जानकारों का कहना है कि सारा पैसा निवेश करना सही नहीं है। आपात स्थिति के लिए आपके सेविंग अकाउंट में कम से कम छह महीने की जरूरत के लिए कैश होना चाहिए। शेयर मार्केट में स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में गिरावट की आशंका है। निवेशक को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने की जरूरत है। आदर्श स्थिति देखें तो निवेशक को अपने पोर्टफोलियो का 50 फीसदी इक्विटी में, 20 परसेंट डेट में, 10 फीसदी गोल्ड में, 10 फीसदी कैश में, 5 फीसदी सिल्वर में और 5 फीसदी क्रिप्टो में निवेश करना चाहिए।