प्रत्याशी चयन में देरी से कांग्रेस हो सकती है परेशान,  नए चेहरे को कम समय में करनी होगी सभी व्यवस्था

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राजधानी से लेकर दिल्ली तक रोजाना बदल रहे समीकरण

जगदलपुर, न्यूज टर्मिनल। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पहले चरण के लिए जिस सूची को जारी किया है, इसमें जगदलपुर की अनारक्षित सीट पर प्रत्याशी का खुलासा नहीं किया है। बस्तर में तीन विधायकों को हटाकर अन्य सभी प्रत्याशियों को फिर से एक मौका दिया गया है। तीन नए चेहरे में प्रदेश अध्यक्ष व सांसद दीपक बैज खुद अपने पुराने विधानसभा चित्रकोट से भाग्य अजमाएंगे। जगदलपुर की सीट पर सभी की नजर टिकी हुई है। 

 

अब जब नामांकन को पांच दिन शेष हैं कांग्रेस ने यहां के लिए किसी के नाम पर मुहर नहीं लगाई है। इसके चलते वर्तमान विधायक रेखचंद जैन के अलावा विधायक के पद पर दावा करने वाले राजीव शर्मा, मलकीत सिंह गैदू, जतीन जायसवाल इनके नामों को समर्थक उछाल रहे हैं। अपनी बातों को बल देने के लिए सभी के पास कोई न कोई शगूफा है। दिल्ली दरबार से आने वाली खबरों का हवाला देते अपनी बात को पुष्ट करने में लोग लगे हुए हैं। कांग्रेस यदि अपना विश्वास पूर्व विधायक रेखचंद जैन पर जताती है तो एक तरह से पूरी टीम और तैयारी बनी हुई है। इसके अलावा किसी प्रत्याशी पर यदि कांग्रेस दांव खेलती है तो प्रत्याशी चयन की देरी कांग्रेस पर भारी पड सकती है। चुनावी समीकरण बनाने के लिए टीम, उसकी सजगता और संगठन पर विश्वास अहम मसला होगा।

 

यदि रेखचंद होते हैं प्रत्याशी

रेखचंद जैन को यदि कांग्रेस अपना प्रत्याशी घोषित करती है तो उनके लिए चुनाव की प्रक्रिया से गुजरना आसान होगा। उन्होंने पांच सालों में बतौर विधायक शासन की योजनाओं को आमजन और गांव-गांव तक पहुंचाने का प्रयास किया है। सरकारी तंत्र के सहारे वे जनता के बीच पहुंचे हैं। उनकी पूरी टीम उनके साथ काम करती आ रही है। इसके अलावा संगठन में भी उनकी पैठ है। संगठन का पूर्ण सहयोग मिलने की संंभावना है।


यदि राजीव होते हैं प्रत्याशी


कांग्रेस यदि राजीव शर्मा पर विश्वास जताती है तो उन्हें अपनी टीम खडी करनी होगी। संगठन से सहयोग तो अघोषित तौर पर मिलेगा लेकिन शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की कुर्सी उन्होंने अभी ही खाली की है। इस कुर्सी पर अब सुशील मौर्य बैठे हैं। सभी इस बात को जानते हैं कि वे दीपक बैज की टीम से हैं। इससे पहले संगठन का दीपक बैज और उनके सहयोगियों को क्या साथ मिला इसका असर भी इस चुनाव में देखा जाएगा। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि राजीव शर्मा एक कुशल प्रशासक हैं उन्होंने बतौर शहर जिला अध्यक्ष विपक्ष की राजनीति करते अपने नेतृत्व क्षमता को जनता के सामने उजागर किया है। इसके बाद सरकार आने पर बतौर जिलाध्यक्ष संगठन के ताकत को भी बनाए रखा।


यदि जतीन होते हैं प्रत्याशी

कांग्रेस यदि पूर्व महापौर जतीन जायसवाल को सामने लाती है तो कांग्रेस के कार्यकर्ता बंटे नजर आएंगे। जतीन जायसवाल पहले ही टीएस सिंह देव के समर्थक रहे हैं। इसके बावजूद कांग्रेस उन्हें यदि प्रत्याशी बनाती है तो भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के अघोषित खींचतान का असर जगदलपुर विधानसभा में देखने को मिलेगा। जतीन जायसवाल पहले शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनमें संगठन को चलाने की क्षमता है। संगठन और अपनी पर्सनल टीम के तालमेल से ही जतीन को इस चुनाव में लाभ मिल सकता है।

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