अमित शाह ने किया शराबबंदी का इशारा
रिटायर्ड आईएएस तैयार कर रहे प्लान
रायपुर । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रायपुर के पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में कांग्रेस सरकार के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया। इस दौरान शाह ने राज्य सरकार को घेरते हुए शराबबंदी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकाल में आंशिक मद्यनिषेध चरणबद्ध तरीके से शुरू किया गया था।डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में तत्कालीन आबकारी आयुक्त सह सचिव रहे पूर्व आईएएस गणेशशंकर मिश्रा ने इसकी शुरुआत की थी। इस विषय का उल्लेख गृहमंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में सबसे पहले किया। इस दौरान प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पूर्व आईएएस गणेशशंकर मिश्रा समेत वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
अमित शाह और भाजपा की ओर से कांग्रेस सरकार के खिलाफ जारी किए गए आरोप पत्र में शराबबंदी, आवास योजना, धर्मांतरण, गौठान, डीएमएफ घोटाला और किसान, कानून व्यवस्था जैसे कई अहम मुद्दे शामिल हैं। शाह ने कहा कि जिस सपने के साथ छत्तीसगढ़ की रचना अटलजी ने की थी उस रचना पर 15 साल काम हुआ। अटलजी ने उस समय तीन राज्य की रचना की थी। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि अब जनता को तय करना है कि घोटाले की सरकार चाहिए या विकास की?
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस सरकार की बड़ी नाकामियों में शराबबंदी अहम है। भाजपा में शामिल हो चुके पूर्व आईएएस गणेशशंकर मिश्रा ने अपने प्रशासनिक काल के दौरान आंशिक मद्यनिषेध की शुरुआत कर दी थी। जून में धरसींवा विधानसभा में मांढर गांव में शराबबंदी पर वादाखिलाफी के विरोध में भाजपा ने सभा की थी। इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने इकठ्ठा होकर वादाखिलाफी के विरोध में निंदा प्रस्ताव पारित किया। राज्यपाल को भी ये प्रस्ताव दिया गया था। ऐसे में भाजपा इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रही है। यही वजह है कि रायपुर में भाषण की शुरुआत ही गृहमंत्री शाह ने शराबबंदी से की।