टूटा रिकॉर्ड: प्रदेश में शराब पीने वाले 35 फीसदी से ज्यादा, पांच बरस में कमाई हुई दोगुनी
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रायपुर। प्रदेश में पिछले पांच साल में सरकार को शराब से मिलने वाला राजस्व लगभग दोगुना हो गया है। यही नहीं राज्य में पीने पिलाने वालों की तादाद भी लगातार बढ़ती जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में शराब पीने वालों की संख्या आबादी का 35.9 प्रतिशत है। इस साल फरवरी में ही पिछले साल के मुकाबले शराब की खपत ज्यादा हो चुकी है। हालांकि टार्गेट से अभी पीछे है, पर बाकी सालों की तुलना में इस बार आंकड़ा उछाल पर है। छत्तीसगढ़ में चालू वित्तीय वर्ष में आबकारी राजस्व से करीब 8 हजार 600 करोड़ रुपयों का राजस्व मिला है। हालांकि राज्य सरकार ने इस वर्ष के लिए आबकारी राजख का लक्ष्य 11 हजार करोड़ रुपए रखा है। आबकारी प्रशासन के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो आने वाले एक महीने में यानि 31 मार्च तक लक्ष्य पूरा होने की संभावना है। वजह ये है कि वित्तीय वर्ष की आखिरी तिमाही में छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक शराब की बिक्री अधिक होती है। इसलिए लक्ष्य पूरा होने की संभावना है। खास बात ये है कि पिछले वित्तीय वर्ष में सरकार को आबकारी से कुल 8 हजार 600 करोड़ रुपए मिले था। लेकिन इस साल यह जनवरी फरवरी में ही यह राजस्व मिल गया है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि राज्य में पिछले साल से अधिक शराब की बिक्री इस साल हो रही है। 31 मार्च के बाद साफ होगा कि इस वित्तीय वर्ष में कितनी शराब बिकी और कुल राजस्व कितना मिला। 11 हजार करोड़ का लक्ष्य प्राप्त होगा या नहीं। छत्तीसगढ़ में शराब बिक्री बढऩे के साथ ही जाहिर है पीने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। देश के जिन राज्यों में शराब पीने वाले बढ़े है उनमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है।
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