औषधि पौधों का शोध एवं संग्रहण अभियान, इन्दुल घाटी पहुंचे शोधकर्ता

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दूर्गूकोदल । शासकीय आयुर्वेद औषधालय के प्रभारी डॉ .के. व्ही.गोपाल के मार्गदर्शन में औषधीय पौधों का शोध एवं संग्रहण अभियान ग्राम नेवारखेड़ा के इन्दुल घाटी में 5 अक्टूबर को ग्राम सभा नेवारखेड़ा के सदस्यों का संयुक्त अभियान दल द्वारा भ्रमण कर इंदुल घाटी के आसपास जंगल में जड़ी बूटियों और दुर्लभ औषधि पेड़ पौधों पर शोध कर औषधालय में नवनिर्मित हमर सुघ्घर औषधि उद्यान में रोपण के लिए संग्रहित किया गया , जड़ी बूटियों और दुर्लभ औषधीय पेड़ पौधा का रोपण कर इनका संरक्षण व संवर्धन करने का प्रयास ग्राम वासियों एवं स्थानीय जड़ी बूटियों के जानकारों के सहयोग से किया जा रहा है, (अभियान का उद्देश्य स्थानीय जंगल में उपलब्ध जड़ी बूटियों एवं दुर्लभ औषधि पेड़ पौधों का सर्वे कर इनका स्थानीय बोली में नाम गोंडी नाम ग्रामीण इनका किस प्रकार उपयोग करते हैं, इनकी जानकारी एकत्र करना है एवं इनका संग्रहण कर औषधि उद्यान में रोपित कर जड़ी बूटियां का प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम के लायक बनाना) इन वन क्षेत्रों में जंगली प्याज ,जंगली हल्दी, हर्रा, कुसुम ,जंगली कोचई चिरायता, गरुड़, पेंडरी, कुतुल करुल टुडर बी रची, केऊ कंद, बेसे रामदतौन,जंगली सजा ,खपरी बेला, शतावरी ,भुईआवला, बेल ,सिहारी , सागौन, सहित अनेक औषधि पेड़ पौधे स्थित हैं ,संयुक्त अभियान दल में ग्राम सभा नेवारखेडा़ के रामदुलार कोवाची ग्राम पटेल शिवलाल कोवाची ग्राम गायता बादराय कोवाची , राजकुमार कोवाची, दुर्गा राम कोवाची, भुवन कोवाची ,फूल सिंह कोवाची,कमल कोवाची, सुरेश कोवाची,शिवलाल कोवाची,नंदलाल ध्रुव रवि प्रसाद यादव औषधालय के कर्मचारी सविता कोमरे शिव प्रसाद बघेल योग प्रशिक्षक ,जगदीश मरकाम, गुलाब बघेल सरपंच एवं अशोक जैन का सक्रिय सहयोग रहा।

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