साल दर साल बढ़ रहे रावण के आकार को छोटा कर मनाएं श्रीराम विजयादशनी पर्व : पुरन्दर मिश्रा
बुराई के प्रतीक को अत्याधिक बढ़ा दिखाना अच्छा नहीं
रायपुर। असत्य पर सत्य की जीत के उत्सव विजयादशमी के आयोजन को लेकर रायपुर उत्तर के विधायक व जगन्नाथ मंदिर के प्रमुख पुरन्दर मिश्रा ने सोमवार 30 सितंबर को एक पत्रकार वार्ता ली, जिसमें विधायक श्री मिश्रा ने कहा कि पांच सौ साल इंतजार के बाद अयोध्या में रामलला की स्थापना हुई है। आराध्य देव राम का स्वरूप बड़ा व रावण का कद भी छोटा किया जाना चाहिए और इस पर्व को दशहरा की जगह हमें श्रीराम विजयादशमी कहना चाहिए, क्योंकी यह प्रभु श्रीराम के विजय का पर्व है।
विधायक श्री मिश्रा ने आगे कहा कि परंपरा के अनुसार कालांतर से यह रीत चली आई है कि हिन्दू पंचांग के तहत आश्विन माह शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। यह पहला अवसर है, जब अयोध्या में श्रीराम का मंदिर बनकर तैयार हुआ है। इसे देखते हुए दशहरा उत्सव का आयोजन करने वालों से आग्रह है कि वे भगवान राम के स्वरूप को बड़ा और रावण का पुतला छोटा बनाएं। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए विधायक श्री मिश्रा ने कहा कि विजयदशमी उत्सव भगवान राम द्वारा रावण के घमंड और अहंकार पर जीत का प्रतीक है। श्रीराम ने रावण का वध भी अहंकार को खत्म करने के लिए किया था। तब विजयादशमी के पर्व का मुख्य उद्देश्य बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मानते हुए रावण के स्वरूप का दहन किया जाता रहा है। लेकिन इस प्रतीक रूपी रावण का कद वर्ष दर वर्ष बढ़ता गया। मेरा मानना है कि बुराई के प्रतीक बढ़ा दिखाना अच्छा नहीं होगा। मैं महाप्रभु जगन्नाथ की सेवा करता हूं। मेरे मन में जो भाव आया उसे मैं आप लोगों के माध्यम से साझा कर रहा हूं, इसे लोग मानें या न मानें इसके लिए किसी को बाध्य नहीं कर सकता, यह मेरा आग्रह है।