वर्धमान जैन मंदिर में कल्पसूत्र बोहराने का कानूगा परिवार को मिला लाभ, चतुर्विंग संघ गाजे-बाजे के साथ घर पहुंचकर किया स्वागत
महापर्व पर्वाधिराज पर्यूषण के दूसरे दिन पूज्य पंन्यास श्रमणतिलक विजय जी ने पौषध व्रत का महत्व समझाया
रायपुर। न्यू राजेंद्र नगर स्थित वर्धमान जैन मंदिर के मेघ-सीता भवन में चल रहे आत्मकल्याण वर्षावास 2024 के दौरान सोमवार को पर्युषण पर्व के दूसरे दिन परम पूज्य श्रमणतिलक विजय जी ने कहा कि जो चीज मिलेगी या नहीं मिलेगी, निश्चित नहीं होने के बावजूद भी हम आज उसी के पीछे भाग रहे हैं। पैसे कमाने के चक्कर में व्यक्ति आज दिन रात दौड़ रहा है जबकि यह निश्चित नहीं है कि जितना वह पैसों की चाह रखता है, उसे उतना पैसा मिल जाएगा या नहीं ? बहुत पैसे कमाने के चक्कर में लोग अपना बिगाड़ करके भी इस रेस में दौड़ रहे हैं।
मुनिश्री ने आगे कहा कि आज किसी भी क्षेत्र में चाहे वह व्यापार हो, चाहे घर-परिवार हो किसी का नियंत्रण नहीं है। आज केवल धर्म ही ऐसा क्षेत्र है जिसमें आप पुरुषार्थ करके अपने आप को नियंत्रित कर सकते हो। एक व्यापार शुरू करने के लिए आप उसमें लाखों रुपए लगते हो और अगर वह डूब गया तो ? तो फिर से आप बाजार से कर्जा लेकर प्रयास करते हो। जबकि आज एक बार में व्यापार आपसे नहीं हो पाया तो यह आपके पापों के उदय के कारण है लेकिन इसकी परवाह न करते हुए भी आप वही काम दोबारा करने लग जाते हैं।अब आप विचार करिए की आग में कूदना आसान है या फिर धर्म की राह पर चलना।
मुनिश्री कहते हैं कि वैसे ही आज लोगों ने खाने-पीने का राग पाल लिया है। जब मन चाहे, जो चाहे कभी भी, कुछ भी आप खा सकते हैं लेकिन अगर एक बार रिसर्च करलो कि बाहर के खाने में क्या-क्या मिलाया जाता है तो शायद आपका मन बदल जाए। ऐसी-ऐसी केमिकल और दवाइयां मिलकर खाने की सामग्रियों को पैक किया जाता है जो आपके शरीर को अंदर से बहुत नुकसान पहुंचती है। आज लोग बाहर से अच्छे दिखने के लिए जिम जाते हैं, योगा करते हैं लेकिन अंदर से आपका शरीर खोखला होते जा रहा है। ऐसा अगर लगातार चलता रहा तो फिर एक समय के बाद आपको फर्क दिखाना शुरू हो जाएगा और तब तक बहुत देर भी हो चुकी होगी। फिर वही बात हो जाएगी कि आप पछताए तो होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।
प्रभु का जन्म वांचन बुधवार को
श्री मेघराज बेगानी धार्मिक एवं परमार्थिक ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री धर्मराज जी बेगानी और आत्मकल्याण वर्षावास समिति के अध्यक्ष अजय कानूगा ने बताया कि न्यू राजेंद्र नगर स्थित वर्धमान जैन मंदिर में सोमवार को प पू पं. श्रमणतिलक विजय जी की पावन निश्रा में कल्पसूत्र बोहराने की बोली हुई और यह लाभ श्री सज्जन कुमार जी शांति देवी अजय जी विजय जी संजय जी कानूगा परिवार को मिला, इस उपलक्ष्य में चतुर्विंग संघ उनके घर जाकर गाजे-बाजे के साथ उनका स्वागत किया। वहीं, 3 सितंबर को मयंक डागा, 4 सितंबर को भंसाली बाल ग्रुप, 5 सितंबर को सुमीत लोढ़ा, 6 सितंबर को ऋषभ नख्त, 7 सितंबर को राहुल कोचर और 8 एवं 9 सितंबर को गुरू इकतीसा होगी और उसके बाद आमंत्रित गायकों और स्थानीय मंडल की ओर से संगीतमयी प्रभु भक्ति होगी।
इसी कड़ी में आत्मकल्याण वर्षावास 2024 के अंतर्गत चल रहे प्रवचन श्रृंखला में भगवान महावीर के जीवन को सूक्ष्मता से जानने का अवसर मिल रहा है। प्रतिदिन सुबह 8ः45 से 9ः45 बजे मंदिर में मुनिश्री की प्रवचनमाला जारी है। मंदिर में दादा गुरूदेव का इकतीसा जाप जारी है, साथ ही 4 सितंबर को जन्म वांचन और स्वामी वात्सल्य का आयोजन रखा गया है। आप सभी इसका अधिक से अधिक लाभ ले और अपने जीवन को सफल बनाएं।