डिप्टी सीएम विजय शर्मा बोले- नक्सलवाद को समाप्त करना और बस्तर तक विकास ले जाना ही होगा

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रायपुर । प्रदेश के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा, बस्तर से नक्सलवाद को समाप्त करना ही होगा। बस्तर में विकास भी जरूरी है। हमें बुलेट नहीं बैलेट चाहिए, गनतंत्र नही जनतंत्र चाहिए तभी विकास संभव है, लेकिन बात यह है, नक्सलवाद क्या है? वे क्या चाहते हैं, कोई जस्टीफाई करके बता दे। बस्तर के किसी गांव में स्कूल, अस्पताल, सड़क, आंगनबाड़ी, बिजली, पानी, मोबाइल के टाॅवर, ये क्यों नहीं पहुंचने चाहिए, कोई बता दे। हम लोगों ने कोशिश की थी कि बस्तर के बहुत दूरस्थ क्षेत्र से युवाओं को लेकर के हम लोग रायपुर लाए थे। वो युवा पहली बार रायपुर आए थे। उनमें से 25 साल के लड़के थे, जिन्होंने कभी टीवी नहीं देखा था। आप कल्पना करें, 25 साल के लड़के ने टीवी नहीं देखा है। सोचो कैसी जिंदगी होगी। डिप्टी सीएम ने ये बातें यहां पर सिविल लाइन स्थित वृंदावन हाल में आयोजित लोकतंत्र बनाम माओवाद थ्येन आनमन की विरासत के बोझ विषय पर बस्तर शांति समिति द्वारा आयोजि कार्यक्रम में कही। श्री शर्मा ने कहा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संकल्प लिया है कि बस्तर से 3 साल में ही हम नक्सलवाद को समाप्त कर देंगे। उस दिशा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव की सरकार आगे बढ़ रही है और निश्चित रूप से बस्तर से हम नक्सलवाद को समाप्त कर देंगे। श्री शर्मा ने कहा मुख्यमंत्री का बहुत स्पस्ट सोचना है, नक्सलवाद को समाप्त करना ही होगा। बस्तर के गांव तक विकास ले जाना ही होगा। मेरे जैसे छोटे मोटे कार्यकर्ता भी इस पर लगे हुए हैं।
बस्तर के गांव तक विकास पहुंचे, बस्तर के गांव तक उन्नति पहुंचे, इस पर काम किया जा रहा है। नक्सली पर्चा जारी करते है कि इसको मार देंगे, उसको मार देंगे और पर्चा में उसमें कहते हैं कि कारपोरेट वाले आ जाएंगे, बस्तर की सारी संपदा को लूट कर ले जाएंगे। मैं पूछना चाहता हूं, चीन में कारपोरेट वाले नहीं है क्या? क्या वहां पर भू संपदा का दोहन नहीं किया जा रहा है। हमारी सरकार का संकल्प है की बस्तर के विकास के मार्ग पर आईईडी बिछाकर रखे गए हैं, ये आईईडी दूर होने चाहिए, बस्तर के गांव का विकास होना चाहिए।
वामपंथी विचारधारा लाशों से रक्तरंजीत : राजीव रंजन
मुख्य वक्ता लेखक राजीव रंजन ने कहा, आज लोकतंत्र की अहमियत समझने के साथ माओवाद के दंश को भी जानना होगा। उससे सचेत रहना होगा। उन्होंने कहा, वामपंथी सरकारों का इतिहास बताता है कि वह लाशों पर टिकी रही है। आज की पीढ़ी को माओत्से तुंग की तानाशाही और उसके मानव विरोधी साम्यवादी चरित्र को समझना होगा। दुनिया भर में वियतनाम, चीन, रूस से लेकर भारत तक इस विचारधारा ने करोड़ों लाशें बिछाने का कार्य किया है। विचार संगोष्ठी में पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने कहा, मैं बस्तर बोल रहा हूं। उन्होंने कहा जब नक्सलवाद के समाधान के विरुद्ध आंदोलन चला था, बस्तर में बड़ा आंदोलन खड़ा हुआ, तब गांव री परिपाटी समाप्त कर दी, पटेल सरपंच खत्म कर दिए, मुखिया खत्म कर दिए, सामाजिक ताना, बाना सांस्कृतिक और पूजा खत्म कर दिए गए हैं।

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