पंचतत्व में विलीन हुए जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज

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डोंगरगढ़ । जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज के निधन पर उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग मंत्री मध्यप्रदेश शासन चेतन्य कुमार काश्यप एवं मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन अमिताभ जैन तथा संत व अन्य गणमान्य नागरिक डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
उनके अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में जैन समाज सहित अन्य समाज के नागरिक पहुंचे। मध्यप्रदेश शासन चेतन्य कुमार काश्यप ने जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज के समाधि स्थल पहुंचकर आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि संत प्रवर आचार्य विद्यासागर का देवलोक गमन रात्रि को हुआ। मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश मोहन यादव द्वारा मध्यप्रदेश में आधे दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति के लिए ऐसे संत का रहना पुण्य का कारण रहा है।
उल्लेखनीय है कि संत शिरोमणि दिगम्बर जैन धर्म के सबसे बड़े संत आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में अपना शरीर त्याग दिया। तीन दिन पहले ही उन्होंने समाधि की प्रक्रिया को शुरू कर अन्न जल का त्याग कर दिया था और अखण्ड मौन व्रत ले लिया था। आचार्य विद्यासागर महाराज कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। उन्होंने न केवल जैन धर्म बल्कि अन्य समाज के लिए भी मानवता की सेवा की।

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