जग्गी हत्याकांड में याहया ढेबर समेत 28 को उम्रकैद
रायपुर/ बिलासपुर । बहुचर्चित एनसीपी नेता रामअवतार जग्गी हत्याकांड पर गुरुवार को हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है। कोर्ट ने मेयर एजाज ढेबर के भाई याहया ढेबर, अभय गोयल, चिमन सिंह समेत 28 अभियुक्तों को आजीवन कैद की सजा सुनाई है। अभियुक्तों ने जिला अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिला अदालत ने उक्त सभी अभियुक्तों को सजा सुनाई थी।
सीबीआई ने पूर्व सीएम अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी को मुख्य आरोपी बनाया था। बाद में अमित बरी हो गए, और कुल 31 आरोपी बनाए थे। इनमें से दो बुल्ठु पाठक और सुरेन्द्र सिंह सरकारी गवाह बन गए थे। रामअवतार जग्गी के पुत्र सतीश जग्गी ने अमित को बरी करने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इससे परे चीफ जस्टिस की बेंच में प्रकरण पर सुनवाई हुई, और सभी 28 अभियुक्तों की आजीवन कैद की सजा को बरकरार रखा है।
इस फैसले पर रामवतार जग्गी के पुत्र सतीश जग्गी ने कहा कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके पिता की आत्मा और जग्गी परिवार को सकुन मिला है। सतीश जग्गी ने कहा कि अमित जोगी को सजा दिलवाने के लिए कानूनी लड़ाई जारी रहेगी। पूर्व में जांच एजेंसियों ने अमित जोगी को मुख्य षडयंत्रकारी बताया था। जग्गी की हत्या वर्ष 2003 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मौदहापारा इलाके में गोली मारकर की गई थी।