विधायक जी आपने हमारी दोस्ती देखी है दुश्मनी नहीं
राजीव शर्मा ने दिखाया दम रेखचंद की कटी टिकट
हम नहीं तो विकल्प सही पर रेखचंद नहीं का फायदा जतीन को
अनुराग शुक्ला ( न्यूज टर्मिनल जगदलपुर)
एक साल पहले इद मिलादुन्नबी के दिन राजनीतिक रसाकशी की बातें सडक पर उतर आई थी। मौका था मुस्लिम जमात के पर्व पर निकली शोभा यात्रा के जूलूस के स्वागत का। इस दिन विधायक रेखचंद जैन ने अपने कार्यालय के समक्ष जुलूस के स्वागत की तैयारी की थी और कांग्रेस के शहर अध्यक्ष राजीव शर्मा ने मिताली चौक पर अपनी अलग व्यवस्था रखी थी। जैसे ही विधायक अपने बंगले से कार्यालय की ओर आए राजीव और रेखचंद में कुछ कहासुनी हुई। मामला गरमा गया और राजीव ने रेखचंद से कहा कि विधायक जी आपने हमारी दोस्ती देखी है दुश्मनी नहीं। यही दिन था कि कांग्रेस में घमासान शुरू हो गया था। इसके बाद से राजीव शर्मा और रेखचंद जैन की दूरी बढती चली गई। इस खाई को पाटने में असमर्थ राजनीति के पितामह कहे जाने वाले क्रेडा अध्यक्ष मिथिलेश स्वर्णकार को भी किन्ही कारणों से राजीव शर्मा का ही साथ देना पडा। आलम यह हुआ कि रेखचंद जैन के बतौर विधायक रहते कांग्रेस के कार्यकर्ता बंटते चले गए। राजीव शर्मा ने भी अपना दावा किया। रेखचंद के लिए मुश्किलें बढी। हुआ यूं कि रेखचंद समय के साथ विधायक रहते हुए भी वर्तमान विधानसभा की दौड से बाहर होते दिखे। इस बीच राजीव शर्मा के अलावा, पूर्व महापौर जतीन जायसवाल, मलकीत सिंह गैदू सहित कुल ३२ लोग विधायक के दावेदार बने। छटनी के बाद तीन नामों के बीच खींचतान शुरू हुआ। जनता और कार्यकर्ताओं के बीच टिकट को लेकर अलग अलग नाम के साथ खबर सार्वजनिक हुई। कांग्रेस आलाकमान ने किसी तरह की सूची जारी नहीं की थी। दावेदारों के आकाओं को भी दिल्ली दरबार में खुद को साबित करने में परेशानी होने लगी। इस बीच यह बात सामने आई की सीटिंग विधायक को हटाने का जो दबाव बनाया जा रहा है और जिस प्रत्याशी पर दांव खेलने कहा जा रहा है दोनों पर सहमति नहीं बन रही है। बस्तर में कांग्रेस की नाव के खेवनहारों ने इस दौरान यह कहा कि हम नहीं तो विकल्प सही पर रेखचंद नहीं। ऐसे में यह कहावत सार्थक होती नजर आई कि दो की लडाई में तीसरे का फायदा। पार्टी आलाकमान ने जगदलपुर विधानसभा के लिए राजीव शर्मा और रेखचंद के बीच चल रहे मलकीत सिंह के नाम को दरकिनार करते हुए पूर्व महापौर जतीन जायसवाल के नाम पर अंतिम मुहर लगाई।
कही सब्र था तो कहीं जश्र
रेखचंद जैन के घर के सामने समर्थकों की भीड थी उन्हें यह आश्वासन मिला था कि जब तक पार्टी अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित नहीं करती है, सब्र बनाएं रखें। दूसरी तरफ राजीव शर्मा के बंगले में जश्र का माहौल था बताया जा रहा था कि उनके नाम पर सहमति हो चुकी है और शाम तक पार्टी कार्यालय से आदेश जारी हो जाएगा। देर शाम जब पार्टी ने जब अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया तो सभी की हवाईयां उड गई।