भाजपा प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी बोले- महादेव एप से आतंकी फंडिंग की आशंका

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 एनआईए जांच की मांग करें मुख्यमंत्री

रायपुर। भाजपा के प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा, महादेव एप ऑनलाइन सट्टे के जरिए आतंकी फंडिंग की आशंका है, इसलिए मुख्यमंत्री को स्वयं आगे आकर इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए से जांच करवाने की पहल करनी चाहिए। मुख्यमंत्री में वास्तव में थोड़ी भी नैतिकता बची है, तो उनको इस्तीफा दे देना चाहिए। ठाकरे परिसर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए श्री चौधरी ने कहा, ऐसी आशंका जताई जा रही है कि दुबई से संचालित महादेव एप को कुख्यात माफिया गिरोह डी-कंपनी का संरक्षण प्राप्त है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकी घोषित माफिया डॉन दाऊद के जरिए किस तरह भारत में आतंकियों को फंडिंग की जाती है, यह किसी से छिपा नहीं है।
श्री चौधरी ने आरोप लगाया, कांग्रेस की भूपेश सरकार युवाओं को जुए और सट्टे की बुराई में धकेल कर सैकड़ों हजारों करोड़ रुपए इकठ्ठे करने वाले महादेव एपप के प्रमोटर्स को संरक्षण देती रही है। यह बात ईडी द्वारा विशेष न्यायालय में पेश किए गए अभियोजन पत्र में साफ तौर पर लिखी गई है। इस मामले में गिरफ्तार किए गए एएसआई चंद्रभूषण वर्मा ने अपने बयान में स्पष्ट किया है कि वह मुख्यमंत्री कार्यालय के शक्तिशाली अधिकारियों और महत्वपूर्ण राजनीतिज्ञों को महादेव एप के संचालकों से वसूले गए करोड़ों रुपए प्रोटेक्शन मनी के रूप में देता रहा है।ईडी ने अपने अभियोजन पत्र में यह भी लिखा कि एडिशनल एसपी रैंक के अफसरों को 65 लाख रुपए महीने एप संचालकों की तरफ से रिश्वत के रूप में दिए जा रहे थे। ऐसी स्थिति में इनसे उच्च स्तर के पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक रूप से शक्तिशाली लोगों को कितना पैसा मिलता होगा, इसका अनुमान लगाना बहुत कठिन नहीं है। श्री चौधरी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक बदले की भावना से ईडी के जरिये कांग्रेस सरकार को परेशान करने के आरोप पर कहा, ईडी ने इस मामले में सुपेला पुलिस द्वारा मई 2022 में मामला दर्ज किए जाने के बाद महादेव एप की जांच शुरू की है। ऐसे में मुख्यमंत्री का आरोप बेतुका और बौखलाहट से भरा है।
श्री चौधरी ने कहा, दुबई एक इस्लामिक देश का हिस्सा है जहां जुआ, सट्टा आदि चीजों को अवैध घोषित किया गया है। ऐसे में महादेव एप के माध्यम से दुबई में बैठकर हजारों करोड़ रुपए का ऑनलाइन सट्टा बिना किसी अंतर्राष्ट्रीय माफिया गिरोह के सहयोग के संभव नहीं है।

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