छत्तीसगढ़ विधानसभा में गूंजा कोयला परिवहन, किसानों के ऋण माफ करने का मामला
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज कोयला परिवहन, जन घोषणापत्र के क्रियान्वयन, शराबबंदी, किसानों के ऋण माफ करने का मामला गूंजा। सदन में पूर्व सीएम रमन सिंह ने गारे पेल्मा खदान से कोयला परिवहन का मामला उठाया। पूछा कि खनन का कार्य विद्युत मंडल द्वारा करवाया जा रहा। ठेकेदार को कोयला परिवहन के लिए निविदा कब स्वीकृत की गई? कोयला परिवहन की कितनी मात्रा निर्धारित की गई? कितनी कितनी मात्रा में परिवहन का कार्य विस्तारित किया गया? ठेकेदार को परिवहन का कार्य देने लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई?
रमन सिंह के सवाल पर CM भूपेश बघेल ने जवाब में कहा कि कोयला परिवहन के लिए निविदा 1 जनवरी 2020 को दी गई। केंद्र सरकार के दिशानिर्देश के तहत निविदा की समय सीमा बढ़ाई गई। रमन सिंह ने पूछा- किस अधिकार के तहत मात्रा बढ़ाई गई। इस बीच आरोप को मुख्यमंत्री भूपेश ने कहा कि रमन सिंह के आरोप निराधार हैं। चेयरमेन को विशेष परिस्थितियों में निविदा बढ़ाने का अधिकार है। नई निविदा की दर पहले की तुलना में अधिक है। रमन सिंह ने एक ही परिवहनकर्ता को उपकृत करने का आरोप लगाया। जवाब में सीएम ने कहा कि निर्बाध रूप से कोयला आपूर्ति जारी रहे इसलिए टेंडर बढ़ाया गया। इससे संबंधित सभी निर्णय पूर्ववर्ती सरकार में हुए, हमने क्रियान्वित किया है।
जन घोषणापत्र के क्रियान्वयन का मामला उठा
सदन में नेता प्रतिपक्ष ने जन घोषणापत्र के क्रियान्वयन का मामला उठाया। धरमलाल कौशिक ने पूछा कि आपने कितनी घोषणाएं की थी उसमें कितनी पूरी हुई? और बची हुई घोषणाओं को कब तक पूरा करेंगे? जवाब में सीएम भूपेश बघेल ने कहा-छग के 36 लक्ष्य निर्धारित करते हुए जनघोषणा पत्र जारी किया गया। उन घोषणाओं में 14 घोषणाएं पूर्ण की जा सकती जा चुकी है, 22 अपूर्ण है। अपूर्ण योजनाओं के पूरा होने की समय सीमा बताना संभव नहीं।
नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर CM भूपेश बघेल ने जवाब दिया। कहा कि हमने जल कर माफ करने को कहा था हमने माफ किया। बिजली बिल हाफ करने का वादा किया था हमने किया। इस बीच नेता प्रतिपक्ष ने शराबबंदी की घोषणा का उल्लेख किया। तो सत्ता पक्ष के लोग शोर मचाने लगे। बीजेपी विधायकों ने बची हुई जनघोषणाएं याद दिलाई। इसको लेकर सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने CM पर गुमराह करने का आरोप लगाया।