घरघोड़ा में धूमधाम से मनाया गया नवाखाई पर्व,आदिवासी समुदाय ने किया पारंपरिक नृत्य और गायन
घरघोड़ा- गौरीशंकर गुप्ता। प्रदेश में इन दिनों नवाखाई पर्व की धूम मची हुई है। इसी क्रम में 21 अक्टूबर को घरघोड़ा के वार्ड 3 स्थित उराँवपारा में आदिवासी समुदाय के द्वारा पारम्परिक नृत्य एवं गायन के साथ धूमधाम से नवाखाई का पर्व मनाया गया। उक्त नवाखाई मिलन समारोह में देखते ही देखते सैकड़ों भीड़ उमड़ पड़ी,जहाँ पारम्परिक वेशभूषा में मांदरों की थाप पर थिरकते नजर आये लोग। नवाखाई दो शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ नया खाना होता है। नवाखाई मुख्यतः किसानों का त्योहार है,जिसे नए फसल के स्वागत के लिए मनाया जाता है। नुआखाई गणेश चतुर्थी के बाद मनाया जाने वाला सबसे शुभ और महत्वपूर्ण सामाजिक त्योहार है।
ऐसा माना जाता है कि नुआखाई उत्सव सबसे पहले वैदिक काल में शुरू हुआ था,जब ऋषियों ने पंचयज्ञ पर विचार-विमर्श किया था। पंचयज्ञ का एक हिस्सा प्रलम्बन यज्ञ था,जिसमें नई फसलों की कटाई और उन्हें देवी माँ को अर्पित करने का उत्सव मनाया जाता था,तबसे नुआखाई मनाने की परंपरा चली आ रही है। लोग आज अपने घरों में नए फसल का स्वागत करते हैं और नए फसल से पकवान बनाकर पूजा पाठ करते है।