पायल, निशा और आकांक्षा ने जीता गोल्ड मेडल
नई दिल्ली। युवा मुक्केबाज पायल, निशा और आकांक्षा ने दबदबे वाला प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीते, जिससे भारत ने आर्मेनिया के येरेवान में आईबीए जूनियर विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में अपने अभियान का अंत 17 पदक के साथ किया।
भारतीय दल ने प्रतियोगिता में तीन स्वर्ण, नौ रजत और पांच कांस्य पदक जीते। भारतीय महिला टीम प्रतियोगिता में संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर रही। पायल ने भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया जब उन्होंने लड़कियों के 48 किग्रा फाइनल में स्थानीय दावेदार पेत्रोस्यां हेगाइन को सर्वसम्मत फैसले में शिकस्त दी। एशियाई युवा चैंपियन निशा और आकांक्षा ने भी इसके बाद अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए स्वर्ण पदक जीते। निशा (52 किग्रा) ने ताजिकिस्तान की अब्दुलाओवा फरिनोज जबकि आकांक्षा (70 किग्रा) ने रूस की तेइमाजोवा एलिजावेता को 5-0 के समान अंतर से हराया। अंतिम दिन चुनौती पेश कर रही तीन अन्य भारतीय महिला मुक्केबाजों विनी (57 किग्रा), सृष्टि (63 किग्रा) और मेघा (80 किग्रा) को फाइनल में शिकस्त के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
पुरुष वर्ग में साहिल (75 किग्रा) और हेमंत (80 किग्रा से अधिक) ने अपने फाइनल मुकाबलों में 0-5 के समान अंतर से शिकस्त के साथ रजत पदक जीते। जतिन (54 किग्रा) को भी कजाखस्तान के तुलेबेक नुरासिल के खिलाफ 1-4 से शिकस्त झेलनी पड़ी। कुल मिलाकर भारत के 12 मुक्केबाजों ने फाइनल में जगह बनाई, जो इस बार के टूर्नामेंट में सभी देशों के बीच सर्वाधिक संख्या है।