ओवरलोड गाड़ियां प्रधानमंत्री सड़क को कर रही जर्जर

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12 टन क्षमता वाली सड़कों पर चल रही 35 से 40 टन कोयले से लदी ट्रेलर
शारदा एनर्जी से रेलवे साइडिंग ले जाया जा रहा कोयला

घरघोड़ा (गौरीशंकर गुप्ता)। औद्योगिक नगरी रायगढ़ के तमनार ब्लाक में इन दिनों कायदे/कानून को कूड़ेदान में फेंक कर गाड़ियां चलाई जा रही है, PMGSY की सड़क पर भारी वाहनों के पहिए घसीटे जा रहे हैं 35 से 40 टन की हैवी गाड़ियां सड़कों को चीरती गुजर रही है, भारी वाहनों के पहियों के नीचे दबकर सड़क सिसकने लगी है, जगह-जगह पर गड्ढे होने लगे हैं, दरारें भी आने लगी है। कहा जाए तो तमनार क्षेत्र के हुंकराडीपा चौक से लेकर सराईडीपा तक के बीच पड़ने वाले गांव कुंजेमुरा, पाता, बांधापाली, डोलेसरा, कठरापाली, सराईडीपा रेलवे साइडिंग तक की सड़क को अवैध रूप से गाड़ियां चलाकर तोड़ने की ठान ली गई है। यह काम पिछले तीन-चार महीनों से रात के अंधेरे में जोर-शोर से चल रहा है, कानून को ठेंगा दिखाते हुए दिन में भी कुछ गाड़ियां आपको सड़कों पर देखने को मिलेंगी, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इन गाड़ियों पर आज तक कार्यवाही होने की हिमाकत नहीं दिखाई किसी भी विभाग ने। शारदा एनर्जी से कोयला ले जाकर सराईडीपा रेलवे साइडिंग में कोयला अनलोड किया जा रहा है लेकिन यह कोल परिवहन का कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित सड़क से किया जा रहा है जो कि अवैध है। नियमतः प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित सड़कों पर अधिक से अधिक 12 टन तक की वहन क्षमता वाले वाहन चलाए जा सकते हैं लेकिन इन दिनों PMGSY की इस सड़क पर 40 से 45 टन तक के भारी वाहन दौड़ाए जा रहे हैं जिससे क्षेत्र की यह सड़क उखड़ने लगी है। अवैध रूप से किये जा रहे इस कार्य में कुछ लोकल वाहन स्वामी भी शामिल हैं लेकिन अधिकतर गाड़ियां “जय अम्बे रोड लाइंस” की दिखाई पड़ती है। कुछ सफेद पोस नेताओं के करीबी लोग अपना लोकल गैंग बनाकर इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं।

ग्रमीणों की नींद हो रही हराम, दुर्घटना का बना रहता भय

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की उक्त सड़क गांव से होकर गुजरी है, सड़क से सटे हुए कई मकान भी निर्मित हैं लेकिन देर रात ग्रामीणों के कान में आई खटपट की आवाज ने नींद खराब कर रखी है। सड़क से सटकर बने ग्रामीणों के घर भी भारी वाहनों के चलने से हिलने लगे हैं, खप्पर भी गिरने लगा है। संकरी सड़कों से तेज रफ्तार वाहनों के चलने के कारण दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है, कुछ दिनों तक ग्रामीणों ने इसका विरोध भी जताया लेकिन इसका खासा असर देखने को नहीं मिला। बेरोकटोक आज भी गाड़ियां चल रही हैं।

क्या कहते हैं ट्रेलर मलिक कल्याण संघ के जिलाध्यक्ष
ग्रामीण सड़क पर भारी वाहन चलाया जा रहा है जो कि गलत है। प्रशासन को योजना बनाकर रेलवे साइडिंग चलाने की आवश्यकता है। भारी वाहनों के लिए सड़क बनाना जरूरी है। ग्रामीण सड़क पर चल रही इन गाड़ियों से हमेशा दुर्घटना की संभावना बनी रहेगी। प्रशासन को रेलवे साइडिंग के साथ-साथ रोड भी बनवाना चाहिए, जब तक रोड ना बने तब तक इस काम पर रोक लगाने की आवश्यकता है।

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