अन्नदाता किसानों के साथ नहीं होगा अन्याय : मुख्यमंत्री बघेल

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  •  धान की कीमत के रूप में किसानों की जेब में जाएगा 25 सौ रूपए
  • राजधानी में आयोजित किसान सम्मेलन में किसानों ने मुख्यमंत्री का खुमरी और नांगर भेंट कर किया अभिनंदन

 

रायपुर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश के किसान अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। हम अन्नदाता किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देगंे। अभी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी कर रहे हैं, लेकिन हम अपना वादा पूरा करेंगे।

किसानों की जेब में धान का प्रति क्विंटल 2500 सौ रूपया जाएगा। धान के मूल्य की अंतर की राशि नई योजना बनाकर दी जाएगी। मुख्यमंत्री  बघेल आज यहां राजधानी रायपुर स्थित सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इन्डोर स्टेडियम में किसान संघ बिलासपुर द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर किसान संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री  बघेल को हल भेंटकर और खुमरी पहनाकर अभिनंदन किया।

मुख्यमंत्री बघेल ने किसान सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में किसानों की जिंदगी को खुशहाल बनाने के लिए निरन्तर कार्य हो रहे हैं। हमने किसानों की तकलीफ को नजदीक से जाना और समझा है।

इन्हें किसी तरह से नुकसान न हो, यह हमारी सरकार का मुख्य ध्येय है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य में हमारी सरकार के बनते ही धान की 2500 रूपए प्रति क्विंटल में खरीदी की गई और किसानों का कर्ज माफ़ किया गया। उन्होंने कहा कि किसानों को हम पर पूरा भरोसा है। पिछले साल नवंबर से धान खरीदी शुरू होने के बाद भी नई सरकार के गठन के बाद किसानों ने 25 सौ रूपए में धान बेचने के लिए अपने खलिहानों में रखा। ऐसे किसान जो पहले धान बेच चुके थे उन्हें भी हमने अंतर की राशि का भुगतान किया।

मुख्यमंत्री ने धान खरीदी प्रक्रिया की पूरी जानकारी देते हुए बताया कि धान का प्रति क्विंटल 2500 रूपए देने के लिए हमारी सरकार वचनबद्ध है। पूर्व वर्षों की भांति बोनस राशि में छूट इस वर्ष भी देने का अनुरोध केन्द्र सरकार से किया। बोनस देने पर केन्द्र सरकार द्वारा केन्द्रीय पूल में चावल नहीं खरीदने के निर्णय को भी हमने पुनर्विचार करने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि हमने किसानों के व्यापक हित में यह फैसला लिया है कि धान की खरीदी केन्द्र द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य में करेंगे तथा प्रति क्विंटल 2500 रूपए में अंतर की राशि अन्य योजना बनाकर किसानों को देंगे।

एथनाल प्लांट लगने से स्थानीय स्तर पर रोजगार

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने धान से एथनाल बनाने का निर्णय लिया है। इससे किसानों को अच्छी कीमत मिलेगी। वहीं एथनाल प्लांट लगने से स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा। इसके अलावा विदेशी मुद्रा की बचत होगी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में धान से एथनाल बनाने के लिए प्लांट के लिए टेण्डर भी निकाला जा चुका है। एक बार एथनाल का उत्पादन शुरू होने के बाद हमें किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

मुख्यमंत्री ने सुराजी गांव योजना की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि गौमाता की सेवा के लिए 2000 गौठान बनाए जा चुके हैं तथा इस वर्ष 4000 और गौठान बनाए जाएंगे।

गौठानों के लिए 5 एकड़ तथा चारागाह के लिए 10 एकड़ भूमि की व्यवस्था की जा रही है। इन गौठानों के संचालन के लिए दस हजार रूपए गौठान समितियों को दिए जाएंगे। उन्होनंे बताया कि गौठानों में किसानों और युवाओं को कम्पोस्ट और वर्मी खाद बनाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

यहां पशु नस्ल सुधार के इंतजाम भी होंगे। इससे दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि दीपावली त्योहार के समय गोबर और मिट्टी के दीए की बिक्री हुई। इससे महिला स्वसहायता समूहों को रोजगार मिला।

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