भ्रष्टाचार करने स्कूली किताबों को रद्दी में बेची गई : विकास उपाध्याय

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रायपुर। कांग्रेस के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने पत्रकारवार्ता में आरोप लगाते हुए कहा, मामले में राज्य सरकार की घोर लापरवाही है। भ्रष्टाचार करने स्कूली किताबों को रद्दी में बेची गयी है। सरकार ने किताबें छपवाई, लेकिन उन्हें छात्रों तक पहुंचाने के बजाय कबाड़ में बेच दिया। यह किताबें सर्व शिक्षा अभियान और छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम की ओर से प्रकाशित की गई थीं, जो छात्रों को फ्री में दी जानी थीं। उन्होंने कहा, पूरे मामले में एक बड़े भ्रष्टाचार की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। किताबें जितनी मात्रा में छपनी चाहिए थी उससे कहीं ज्यादा मात्रा में छापा गया और फिर एजेंसी की ओर से छापने की राशि सरकार से ले ली गई, फिर उन्हीं किताबों को रद्दी में बेच दिया जाता है। सीधे-सीधे करोड़ों रूपये का भ्रष्टाचार किया गया है। वर्तमान सरकार ने इस पूरे प्रकरण के खानापूर्ति के लिए पांच सदस्यीय जांच दल बनाया है। इसमें दो लोग पूर्व से ही भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। जांच दल की बजाय सीबीआई जांच या फिर रिटायर्ड जज की अगुवाई में मामले की जांच की जाये। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस बड़ा आंदोलन करेगी।
कांग्रेस ने भी बनाई जांच समिति
मामले में कांग्रेस ने पूर्व राज्यसभा सदस्य छाया वर्मा के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच दल का का गठन किया है। समिति में अन्य सदस्यों में विकास उपाध्याय, अनिता शर्मा, उधोराम वर्मा, श्रीकुमार मेनन, पप्पु बंजारे को शामिल किया गया है। समिति के सदस्यों से कहा गया है कि पापुनि के अधिकारियों, कर्मचारियों से चर्चा कर वस्तुस्थिति से अवगत कराएं।

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