आखिर जानकारी देने से कतरा क्यों रहे जल संसाधन विभाग के अधिकारी

घरघोड़ा/लैलूंगा (गौरी शंकर गुप्ता)। लैलूंगा जल संसाधन विभाग में नहर में हो रहे लाइनिंग कार्य, यानि, कांक्रीट निर्माण में भ्रष्टाचार की खबर लगातार अखबारों में प्रकाशित किया जा रहा है दो महीने से ऊपर हो चुके हो रहे निर्माण कार्य को टीवी चैनलों पर भी खबरें दिखाई गई और भ्रष्टाचार को उजागर करने एवं शासन प्रशासन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया परंतु कोई भी जनप्रतिनिधि निर्माण कार्य को लेकर आवाज नहीं उठाया जा रहा है आखिर जनप्रतिनिधियों की चुप्पी को क्या कहेंगे हालांकि इस पूरे मामले में खबर प्रकाशित के साथ-साथ मामले की जानकारी लेने के लिए सूचना के अधिकार के तहत आवेदन लगाया गया है लेकिन जल संसाधन विभाग के अधिकारी सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देने के लिए कतरा रहे हैं अब जानकारी के लिए प्रथम अपील तक की जा चुकी है लेकिन अब तक जानकारी देने के लिए जल संसाधन विभाग तैयार नहीं है। आखिर ऐसा क्या है कि हो रहे निर्माण कार्य की जानकारी देने के लिए जल संसाधन विभाग का हाथ पांव फूलने लगा है या किसी ठेकेदार के इशारे में सारी अनियमितता को अंजाम दिया जा रहा है।


शासन के नियमों का हो रहा उल्लंघन
आपको बता दे जल संसाधन विभाग द्वारा खुले तौर पर शासन के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है चुकी सूचना के अधिकार यह एक कानून है जिसके तहत आवेदन दिया गया है परंतु जल संसाधन विभाग के संबंधित अधिकारियों द्वारा इस कानून का माखौल उड़ाने में कहीं कोई कसर नहीं छोड़ रहे है बात इतना ही नहीं है इस भ्रष्टाचार का मामला लगातार ढाई महीना से टीवी चैनल सहित अखबारों के माध्यम से शासन प्रशासन तक इस पूरे निर्माण में हो रहे अनियमितता की जानकारी भ्रष्टाचार की सच्चाई पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन शासन प्रशासन के जिम्मेदार पूरी तरह से चुप्पी साधे बैठे हैं। वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की बात करें तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा भी निर्माण कार्य को लेकर मौन धारण किए हैं क्षेत्रीय विधायक की बात हो या स्थानीय जनप्रतिनिधियों की बात हो सभी आंख कान सब बंद कर लिए है आखिर इतने में जनता और किसान भी समझ चुके है आखिर खेल क्या चल रहा है
मैटेरियल भी घटिया और कार्य में पानी का क्यूरिंग भी नहीं
नहर के लाइनिंग कार्य में घटिया मैटेरियल का उपयोग तो हो ही रहा है परंतु निर्माण कार्य में पानी का क्यूरिंग भी नहीं किया जा रहा है निर्माण कार्य में भारी अनियमितता देखने को मिल रहा है परंतु जल संसाधन विभाग के अधिकारी इंजीनियर इस निर्माण कार्य को लेकर किसी प्रकार का एक्शन नहीं लिया जा रहा है निर्माण कार्य के स्टीमेट की कापी की मांग करने पर भी नहीं दिया गया जब सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगा जा रहा है फिर भी विभाग द्वारा जानकारी नहीं दिया जा रहा है आखिर निर्माण की स्टीमेट की सहित निम्न जानकारी देने में कतराना यह दर्शाता है कि इस भ्रष्टाचार के पोल खुलने का भय के कारण जानकारी नहीं दिया जा रहा है अगर निर्माण कार्य की निष्पक्ष जांच हो तो अधिकारी और इंजीनियर पर शासन का गाज गिरना शुरू हो जाएगा कही न कही इसी डर है कि जानकारी नहीं दिया जा रहा है आखिर विभाग कब तक जानकारी नहीं देगी इस भ्रष्टाचार में कितने ताकतवर लोगों का संरक्षण होगा इसका खुलासा तो होगा ही भले ही देर से हो पर सच्चाई सबके सामने आएगा ही परंतु एक बात तो सच है कि भारतीय जनता पार्टी के सरकार में अधिकारियों को तनिक भी भय नहीं है हालांकि इसके पीछे का राज क्या है यह तो शासन प्रशासन के लोग ही बता पाएंगे लेकिन ऐसे स्थिति में शासन की छवि धूमिल होती जा रही है।