गंगरेल बांध में पानी की आवक कम, मुख्य गेट हुआ बंद
धमतरी। गंगरेल बांध में पानी की आवक कम होने के कारण बांध का मुख्य गेट बंद हो गया है। पेन स्टाक एवं फीडर केनाल से करीब 1800 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। नदी में जल प्रवाह कम होने के बाद नदी से रेत निकासी का अवैध कारोबार फिर शुरू हो गया है। ट्रेक्टर ड्राइवर, लेबर रिस्क लेकर नदी से रेत निकाल रहे हैं। बताया जा रहा है कि रेत माफिया ट्रेक्टरों से प्रति ट्रीप 300 रूपए वसूल रहे हैं।
कैचमेंट एरिया में वर्षा गतिविधि कम होने से गंगरेल बांध में पानी की आवक घट गई है। बुधवार को गंगरेल बांध में 90 प्रतिशत जलभराव है। बांध में पानी की आवक 4692 क्यूसेक हो रही है। वहीं 1842 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। कंट्रोल रूप से प्राप्त जानकारी के अनुसार 29.364 टीएमसी पानी का भराव हो गया है। फीडर केनाल के माध्यम से 196 क्यूसेक तथा पेन स्टाक से 1646 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। 1700 क्यूसेक पानी महानदी में रूद्री बॅराज से फ्लड किया जा रहा है।
खतरा मोल ले रहे ट्रेक्टर ड्राइवर, लेबर
महानदी में जल प्रवाह घटने के बाद रेत के लिए बड़ी संख्या में ट्रेक्टर नदी में उतर रहे हैं। रेत माफिया मौके का फायदा उठाकर प्रति ट्रेक्टर वसूली डेढ़ गुना बढ़ा दी है। शहर सहित आसपास के क्षेत्र में रेत की आपूर्ति ट्रेक्टर से हो रही है। नदी से पानी कम होते ही अछोटा, तेंदूकोन्हा आदि गांवों के नदी में रिस्क लेकर ट्रेक्टर ड्राइवर, लेबर रेत निकाल रहे हैं। प्रति ट्रेक्टर रेत की वसूली को लेकर ट्रेक्टर संचालकों में विवाद की स्थिति बनी हुई है। ट्रेक्टर सप्लायर बताते हैं कि संबंधित ग्राम पंचायत रेत माफियाओं को पैसा वसूली के लिए ठेका देती है। बारिश से पहले प्रति ट्रीप 200 रूपये ली जाती थी अब 300 रूपये वसूला जा रहा है। विवाद की स्थिति इसलिए है कि ट्रेक्टर यूनियन के पदाधिकारियों से प्रति ट्रीप 200 रूपए तथा अन्य सप्लायरों से प्रति ट्रीप 300 रूपए वसूला जा रहा है। पीड़ित रेत सप्लायर कलेक्टर से शिकायत करने की तैयारी में है।