घरघोड़ा में प्रीस्मो स्टील्स एंड पावर लिमिटेड के प्रस्तावित जनसुनवाई को लेकर ग्रामीणों का विरोध, सौंपा ज्ञापन

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घरघोड़ा (गौरी शंकर गुप्ता)। घरघोड़ा क्षेत्र में प्रीस्मो स्टील्स एंड पावर लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित जनसुनवाई के खिलाफ प्रभावित ग्रामीणों ने एक ज्ञापन एसडीएम (राजस्व) को सौंपा है। इस ज्ञापन का नेतृत्व स्थानीय नेता उस्मान बेग ने किया, जिन्होंने क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की अपील की है। आवेदन में यह स्पष्ट किया गया है कि कंपनी के आने से पर्यावरण, सामाजिक स्थिति और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पडऩे का खतरा है।

ग्रामीणों की गंभीर आपत्तियाँ

ज्ञापन में किसानों, युवाओं और स्थानीय लोगों ने प्रमुख तौर पर चार बिंदुओं पर अपनी आपत्तियाँ जताई हैं। सबसे पहली चिंता पर्यावरणीय क्षति को लेकर है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले से चल रहे उद्योगों से निकलने वाला प्रदूषण, जैसे धुआं और कचरा, आसपास के गांवों में गंभीर प्रदूषण फैला रहा है। इससे फसल उत्पादन प्रभावित हो रहा है और पानी तथा मिट्टी की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में तराईमाल, भुईकुररी, गदगांव, सराईपाली, आमाघाट, राबो और अन्य गांव शामिल हैं।

सामाजिक उपेक्षा और बेरोजगारी

ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले वर्षों में क्षेत्र की कंपनियों द्वारा सीएसआर (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) के तहत कोई भी विकास कार्य नहीं किया गया। न तो शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क या अन्य मूलभूत सुविधाओं में कोई सुधार हुआ है। इसके साथ ही, स्थानीय बेरोजगारी की समस्या भी गहरी होती जा रही है, क्योंकि उद्योगों में रोजगार के नाम पर युवाओं को केवल कागजों तक ही आश्वासन मिला है। इस कारण, बेरोजगारी और पलायन जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं, और इसके विरोध में पूर्व में कई आंदोलन भी हो चुके हैं।

स्वास्थ्य पर बढ़ता संकट

ग्रामीणों ने स्वास्थ्य पर प्रभाव को लेकर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है। प्रदूषण के कारण श्वसन रोग, त्वचा संबंधी बीमारियां और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं तेज़ी से बढ़ रही हैं। यह न केवल वर्तमान ग्रामीणों के लिए, बल्कि आने वाली पीढिय़ों के लिए भी एक बड़ा संकट बन सकता है।

ग्रामीणों की मुख्य मांगें

ज्ञापन में सबसे बड़ी मांग जनसुनवाई को रद्द करने की है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि 23 दिसंबर को प्रस्तावित जनसुनवाई को रद्द किया जाए और कंपनी के संचालन के पर्यावरणीय, सामाजिक और स्वास्थ्य पर प्रभाव का स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से आकलन कराया जाए।

आंदोलन की चेतावनी

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को अनदेखा किया गया, तो वे घरघोड़ा ब्लॉक में बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। इस आंदोलन के लिए ग्रामीणों का समर्थन प्राप्त है, जिसमें प्रभावित गांवों जैसे तराईमाल, भुईकुररी, गदगांव, सराईपाली, आमाघाट, राबो, अमलीडिह, सामारुमा, छर्राटांगर और अन्य गांवों के लोग शामिल हैं।

संयुक्त सैकड़ो ग्रामीणों का समर्थन

ज्ञापन को उस्मान बेग की अध्यक्षता में सैकड़ों ग्रामीणों ने समर्थन दिया है, और यह आवेदन विधायक धर्मजयगढ़, कलेक्टर रायगढ़, पर्यावरण विभाग रायगढ़, और थाना प्रभारी पूँजीपथरा को भी भेजा गया है। प्रशासन से ग्रामीणों की यह अपील है कि वे इस मुद्दे पर शीघ्रता से कार्रवाई करें, ताकि क्षेत्र में हो रहे पर्यावरणीय और सामाजिक संकट से बचा जा सके।

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