चेम्बर ने केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल से नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम में छत्तीसगढ़ को शामिल करने की मांग की
रायपुर। चेम्बर ने केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम में छत्तीसगढ़ को भी शामिल करने की मांग की। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि चेम्बर ने पत्र के माध्यम से केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत छत्तीसगढ़ में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी स्थापित करने हेतु निवेदन किया। चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने पत्र के माध्यम से बताया कि भारत को वैश्विक स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत देश के विभिन्न राज्यों में 12 इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी की स्थापना का निर्णय लिया गया है जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन 2047 तक विकसित भारत बनाने के परिकल्पना को पूर्ण करेगा।
श्री पारवानी ने केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री जी से निवेदन किया कि नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम में छत्तीसगढ़ को भी शामिल करते हुए छत्तीसगढ़ में एक इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी की स्थापना की जाए।
श्री पारवानी ने आगे बताया कि छत्तीसगढ़ अपने भौगोलिक स्थिति, प्राकृतिक खनिज संपदा जैसे-लौह अयस्क, कोयला, जल आपूर्ति, विद्युत आपूर्ति आदि से परिपूर्ण तथा विशाल जनशक्ति होने के कारण नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम को साकार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जो भारत को एक मजबूत प्रतिस्पर्धी के रूप में स्थापित करते हुए एनआईसीडीपी आबंटन के लिये तत्काल उपलब्ध उन्नत विकसित भूमि प्रदान करेगा जिससे घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के लिये विनिर्माण इकाईयां स्थापित करना आसान हो जायेगा।
छत्तीसगढ़ में अनेक संभावनाएं हैं तथा मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए उपरोक्त समस्त संसाधन यहां प्रचुर मात्रा में प्रमुख रूप से उपलब्ध हैं। छत्तीसगढ़ में इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी के बनने से उत्पादकता में वृद्धि होगी, बड़ी मात्रा में नवीन रोजगारों का सृजन होगा जो आत्मनिर्भर भारत बनाने के व्यापक उद्देश्य को बढ़ावा देगा।