शिक्षक टिकेश्वर पटेल ने क्षेत्र में फैलाया शिक्षा का उजियारा

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घरघोड़ा ( गौरीशंकर गुप्ता )। शिक्षक की विद्यालय में भूमिका डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने लिखा है कि समाज में अध्यापक का स्थान महत्वपूर्ण है, वह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को बौद्धिक परंपराएं तथा तकनीकी कौशल पहुंचाने का केंद्र है, एवम सभ्यता के प्रकाश को प्रज्वलित रखने में सहायता देता है। एक सच्चा अध्यापक जीवन पर्यंत विद्यार्थी बना रहता है। रवींद्रनाथ ठाकुर के शब्दों में एक अध्यापक कभी भी वास्तविक अर्थों में नहीं पढ़ा सकता। जब तक वहां स्वयं अभी सीख ना रहा हो। एक दीपक दूसरे दीपक को कभी भी प्रज्वलित नहीं कर सकता, जब तक कि उसकी अपनी ज्योति जलती ना रहे। शिक्षा संस्कृति के हस्तांतरण, संरक्षण तथा संवर्धन का प्रमुख साधन है। अतः किसी भी  देश की शिक्षा वहां की संस्कृति के संदर्भ में ही समझा जा सकती है। शिक्षा की प्रक्रिया में अध्यापक एक महत्वपूर्ण कड़ी है। शिक्षक को छात्र की अज्ञान रूपी अंधकार को मिटाकर ज्ञान रूपी प्रकाश दिखाकर मानवता के पथ को आलोकित करने वाला कहा है। ऐसा ही एक शिक्षक रायगढ़ जिले के घरघोड़ा विकासखंड के  शिक्षक “टिकेश्वर पटेल” की जिन्होंने कड़ी मेहनत एवं लगन के फलस्वरूप घने वनांचलो के बीच मे शिक्षा की एक ऐसी  अलख जगा रखी है। जिससे पूरा क्षेत्र गौरांवित है।

बेहत्तर तालीम और शिक्षक का मेहनत लाई रंग


एक ही सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले सभी छात्रों ने यह सिद्ध कर दिखाया कि अगर व्यक्ति के अंदर प्रतिभा और लगन है, तो उसे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। यहां तक की गरीबी भी उनकी राह में बाधा नहीं बन सकती। इन बच्चों की तैयारी करने वाले शिक्षक टिकेश्वर पटेल ने यह बताया कि उनके पांचो विद्यार्थियों का चयन हाल ही में निकले सैनिक स्कूल के लिखित परीक्षा में हो गया है। वे सभी आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है और यहां तक पहुंचने में शिक्षक टिकेश्वर पटेल के मार्गदर्शन के साथ उनका स्वयं का मेहनत और लगन का बहुत बड़ा योगदान है। आज समाज के उन सभी लोगों को इन बच्चों से सीख लेने की आवश्यकता है। जो शासकीय स्कूलों को कमतर आकते हैं। यह धारणा बन चुकी है कि शासकीय स्कूल में ठीक से पढ़ाई नहीं होती। लेकिन इन बच्चों ने अपनी कड़ी मेहनत एवम लगन से इस धारणा को गलत सिद्ध कर दिया। उन्होंने बताया कि उनके पांचो विद्यार्थी बहुत ही साधारण परिवारों से आते हैं।

इस सरकारी स्कूल के छात्र ने नवोदय, सैनिक एवम जवाहर उत्कर्ष में किया  टॉप


नैमिश राठिया  के बारे में उन्होंने बताया कि एक लड़का नैमिष का चयन सैनिक स्कूल अंबिकापुर होने से स्वयं को बहुत ही  गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं साथ में उसका जवाहर उत्कर्ष प्रवेश परीक्षा में भी जिले में टॉप रहने से साथ ही, उन्होंने हाल ही में निकले नवोदय विद्यालय की परीक्षा में चयन होने पर भी उनकी मां की खुशियां के आंसू आंखों मे नहीं समा रहा है। वह बहुत ही गरीब परिवार से हैं। पिता का साया बचपन मे ही उठ चुका था। तथा मां शकुंतला रोजी मजदूरी करके अपने दोनों बच्चों को अच्छी तालीम हासिल करने के लिए शिक्षक टिकेश्वर पटेल का मार्गदर्शन मिला। और आज सभी सभी प्रकार के प्रतियोगी परीक्षा में जिले में टॉप कर अपना एवं गुरु जनों का नाम रोशन कर रहा है। दूसरे छात्र ईशान गुप्ता के पिता पेशे से एक कंपनी में मजदूरी कार्य करते हैं तथा माता सुदेशना गुप्ता एक साधारण गृहणी है, जो किसी तरह से अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं ।ऐसे में इन सभी बच्चों का सैनिक स्कूल में चयन उनके लिए हर्ष के साथ-साथ चिंता का भी विषय है। क्योंकि सैनिक स्कूल की फीस काफी ज्यादा होती है तीसरे छात्र इंद्रजीत पटेल के पिता पेशे से एक कृषक है और अच्छी तरह से कृषि का कार्य करते हैं, उसकी माता कृष्णा पटेल सामान्य गृहणी है। इस प्रकार देव गवेल ने सैनिक स्कूल में पूरे जिले में टॉप किया है ,तथा हिमांशी सिदार ने नवोदय विद्यालय में टॉप किया है एवं नैमिश राठिया ने जवाहर उत्कर्ष में टॉप कर यह साबित कर दिया कि सरकारी स्कूल में अच्छी से अच्छी तालीम मिल सकती है। इन सभी के माता-पिता ने शिक्षक टिकेश्वर पटेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके बच्चों का सफलता का सारा श्रेय आप दोनो शिक्षक को ही जाता है।

नवोदय विद्यालय में इन छात्रों का हुआ चयन


देव गवेल/ शिव प्रसाद गबेल,  हेमांशी सिदार/ नेतराम सिदार इंद्रजीत पटेल/ रिखीराम पटेल , ईशान गुप्ता /मनोरंजन गुप्ता नैमश राठिया/स्वर्गीय अशोक राठिया चयन उपरोक्त छात्रों के चयन होने पर विकास खंड शिक्षा अधिकारी  सुंदर मणि कौंध, विकास खण्ड स्रोत समन्वयक मनोज प्रधान, पदस्थ प्रधान पाठक ने उदेराम राठिया तथा विकास खण्ड के सभी शिक्षक, शिक्षिकाओ ने टिकेश्वर  पटेल की कड़ी मेहनत एवं लगन की तारीफ की पुल बांधते हुए बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की है।

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