राजिम कुंभ कल्प : रामोत्सव के थीम पर का भव्य आयोजन, अनुराधा पौडवाल ने बांधा शमां, लेजर शो और रंगोली बना आकर्षण का केंद्र

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्रयागराज कहे जाने वाले राजिम का गौरव पुनः लौट आया है। महानदी, पैरीऔर सोंढूर नदी के त्रिवेणी संगम में एक बार फिर राजिम कुंभ का आयोजन किया जा रहा है। त्रिवेणी संगम पर गंगा आरती का आयोजन के साथ-साथ इस पवित्र संगम पर श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं। संतों द्वारा आध्यात्मिक प्रवचनों का भी श्रवण कर रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में गठित नई सरकार ने राजिम का गौरव फिर से स्थापित करने के लिए पुनः कुंभ मेले के स्वरूप में आयोजन करने की घोषणा की गई थी। इस घोषणा के अनुरूप ही सभी आवश्यक इंतजाम श्रद्धालुओं के लिए किए गए हैं।

संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की देख-रेख में राजिम कुंभ की सम्पूर्ण व्यवस्था की गई है। इस बार राजिम कुंभ का आयोजन रामोत्सव की थीम पर आयोजित की जा रही है। श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र लेजर शो है। इस आयोजन में श्रीरामलला के छत्तीसगढ़ के वनवास काल को प्रदर्शित किया जा रहा है। प्रभु श्रीराम ने छत्तीसगढ़ में अपने वनवास काल का सर्वाधिक लंबे समय व्यतीत किया था।

राजिम कुंभ कल्प मेला के दूसरे दिन रविवार को लोगों की भारी भीड़ रही। मेला में पहुंचने वाले लोग सबसे पहले भगवान राजीव लोचन और कुलेश्वर महोदव मंदिर के दर्शन कर रहे हैं। संध्याकालीन महानदी आरती के लिए हजारों की संख्या में भक्तजन उपस्थित होकर महानदी की आरती में शामिल हो रहे हैं।

प्रभु रामलला की आकर्षक रंगोली

मुख्य मंच के सामने प्रभु श्रीरामलला की आकर्षक रंगोली लोगों का आकर्षण का केन्द्र है। दूरदराज से आने वाले श्रद्धालु प्रभु श्रीराम की मनमोहक रंगोली को भी देखने आ रहे हैं। इस जीवंत रंगोली का श्रद्धालुगण अपने मोबाइल से सेल्फी भी ले रहे हैं।



अनुराधा पौडवाल ने बांधा शमां 

अनुराधा पौडवाल के कर्णप्रिय भजन और ‘गीतक दर्शन’ के नृत्य नाटिका की प्रस्तुति ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। मुम्बई से पहुंची अनुराधा पौडवाल और उसकी पुत्री कविता पौडवाल ने भक्तिपूर्ण गीत की शानदार प्रस्तुति दी। मुख्य मंच पर अंतिम प्रस्तुति मुम्बई के गीतासार की टीम द्वारा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति देकर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। कलाकारों ने भगवान विष्णु के अवतारों की जीवंत प्रस्तुत दी।



26 फरवरी के मुख्य आकर्षण

 तीसरे दिन का मुख्य आकर्षण बारूका के भूपेंद्र साहू कृत रंग सरोवर की प्रस्तुति होगी। लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले पारंपरिक छत्तीसगढ़ी गीत संगीत से मुख्य मंच पर छत्तीसगढ़ी सभ्यता और संस्कृति की धूम रहेगी। इसके अलावा मुख्य मंच पर विजय चंद्रकार द्वारा तिहार लोकमंच और छत्तीसगढ़ की प्रसिध्द गायिका तारा साहू के रंग-तरंग लोकमंच की प्रस्तुति होगी। मंच पर इंडियन रोलर बैंड के रोहन नायडू और थर्डजेंडर रतनपुर के स्वारागिनी डांस की प्रस्तुति होगी।

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