रायगढ़ लोक सभा सीट पहली बार 1962 में राजनीति के नक्शे पर आया, जानें इतिहास
घरघोडा ( गौरी शंकर गुप्ता)। रायगढ़ लोक सभा सीट पहली बार 1962 में राजनीति के नक्शे पर आया, पर रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र 1962 से आज पर्यंत तक कई बड़े नेता रहे जिन्होंने देश व राज्य की राजनीति को प्रभावित किया। कुमार दिलीप सिंह जूदेव जिन्होंने छ. ग. में सरकार बनाने को लेकर अपनी मुछे दांव पर लगा दी, अजित जोगी जिन्होंने कलेक्टर का पद छोड़कर राजनीति में कदम रखा, भाजपा के पितृ पुरुष माने जाने वाले लखीराम अग्रवाल जिन्होंने छ. ग. में भाजपा को मजबूती दी, नंद कुमार पटेल जिन्होंने छ. ग. में मृत पड़े कांग्रेस में अपनी मेहनत के बल पर जान फूंकी, या वर्तमान छ ग के सीएम विष्णुदेव साय हों। ऐसे धुरंधरों के रायगढ़ लोकसभा के इतिहास को जानें …सन 1962 में रायगढ़ लोक सभा का पहला चुनाव हुआ जिसमें अखिल भारतीय राम राज्य परिषद के बैनर तले राजा विजय भूषण सिंह देव के विरुद्ध कांग्रेस से चंद्रचूर्ण प्रसाद सिंह देव के मध्य लड़ाई थी जिसमें राजा विजय भूषण सिंह देव 9144 मतों से विजयी रहे। राजा विजय भूषण सिंह देव दिलीप सिंह देव के पिता है।सन 1967 में कांग्रेस से रजनीगंधा देवी व भारतीय जनसंघ के नरहरि प्रसाद के बीच लड़ाई हुई जिसमें कांग्रेस के रजनीगंधा देवी 29152 मतों से विजयी रहे।#सन 1971 में कांग्रेस के उम्मेद सिंह व भारतीय जनसंघ के लाल सिंह दलजीत सिंह में से कांग्रेस के उम्मेद सिंह 27655 मतों से विजयी रहे। सन 1977 भारतीय लोकदल से नरहरि प्रसाद विरुद्ध कांग्रेस के उम्मेद सिंह के बीच हुआ जिसमें भारतीय लोकदल के नरहरि प्रसाद 19812 मतों से विजयी रहे।# सन 1980 कांग्रेस के पुष्पा देवी सिंह विरुद्ध जनता पार्टी से नरहरि प्रसाद साय में से कांग्रेस के पुष्पा देवी सिंह 81095 मतों से विजयी रहे। सन 1984 कांग्रेस के पुष्पा देवी सिंह विरुद्ध भाजपा से नंद कुमार साय में से कांग्रेस के पुष्पा देवी सिंह 112791 मतों से विजयी रहे।सन 1989 भाजपा से नंद कुमार साय विरुद्ध कॉन्ग्रेस की पुष्पा देवी सिंह में से भाजपा के नंद कुमार साय 21010 मतों से विजयी रहे। सन 1991 का चुनाव कांग्रेस के पुष्पा देवी सिंह व भाजपा के नंद कुमार साय के बीच लड़ीं गई जिसमे कांग्रेस के पुष्पा देवी सिंह 55814 मतों से विजयी रहे। सन 1996 भाजपा के नंद कुमार साय व कांग्रेस के पुष्पा देवी सिंह जिसमे भाजपा के नंद कुमार साय 9198 मतों से विजयी रहे। सन 1998 कांग्रेस से अजित जोगी व भाजपा के नंद कुमार साय के बीच प्रमुख लड़ाई रही जिसमें अजित जोगी 4382 मतों से विजयी रहे। सन 1999 भाजपा से विष्णु देव साय विरुद्ध कांग्रेस से पुष्पा देवी सिंह जिसमें भाजपा से विष्णु देव साय 5773 मतों से विजयी रहे।सन 2004 भाजपा से विष्णु देव साय विरुद्ध कांग्रेस से रामपुकार सिंह जिसमें भाजपा से विष्णु देव साय 74243 मतों से विजयी रहे। सन 2009 भाजपा से विष्णु देव साय विरुद्ध कांग्रेस से हृदय राम राठिया जिसमें भाजपा से विष्णु देव साय 55848 मतों से विजयी रहे।#सन 2014 भाजपा से विष्णु देव साय विरुद्ध कांग्रेस से आरती सिंह जिसमें भाजपा से विष्णु देव साय 216750 मतों से विजयी रहे। सन 2019 भाजपा से गोमती साय विरुद्ध कांग्रेस से लालजीत सिंह राठिया जिसमें भाजपा से गोमती साय 66027 मतों से विजयी रहे। 1999 से पूर्व भाजपा व कांग्रेस के मध्य हार और जीत का सिलसिला चलता रहा परन्तु 1999 में विष्णुदेव साय के चुनाव जितने से लेकर अभी तक रायगढ़ लोकसभा भाजपा का गढ़ बना हुआ है, अब देखना यह है कि चुनावी बिगुल बज चुका है 2024 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्यासी मेनका सिंह भाजपा के इस गढ़ को तोड़ पाती है या भाजपा प्रत्याशी राधेश्याम राठिया विजयी होकर भाजपा के इस गढ़ को बरकार रख इतिहास रचते हैं।