अब नहीं बचेगा कोई नक्सली इजराइली ड्रोन से होगी तलाश

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200 किमी के दायरे में छिपे माओवादियों को खोज-खोज कर दबोचेगा

रायपुर । मानसूनी सीजन में भी नक्सलियों के खिलाफ जवानों की कार्रवाई जारी रहेगी। अब सुरक्षा बल एक-एक आतंकियों को खोज-खोज कर मारने की तैयारी कर रही है। दरअसल फोर्स के जवानों को इजराइल का हैरोन अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) ड्रोन की मदद से मूवमेंट कराया जा रहा है। इसकी मदद से 200 किमी के दायरे में नजर रखी जा रही है। बारिश के दौरान जंगल के अंदरूनी इलाकों की विषम परिस्थितियों को देखते हुए यह मददगार साबित हो रहा है।
बस्तर में लगातार हो रही बारिश को देखते हुए आसमान से नजर रखी जा रही है। रात के समय नक्सलियों के मूवमेंट और उनके ठिकानों को चिन्हाकिंत करने की क्षमता होने के कारण इसका उपयोग किया जा रहा है। नक्सल आपरेशन से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि सीधे टारगेट पॉइंट को कवर करने में काफी मदद मिल रही है। नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने में योजना में कारगार साबित हो रहा है। यह ड्रोन को दुर्ग-भिलाई के नंदनी स्थित सेंटर से उड़ान भरता था। इसके बाद में जगदलपुर शिफ्ट किया गया था। इसकी उपयोगिता को देखते हुए जम्मू और कश्मीर में पत्थरबाजी एवं आतंकवादियों से निपटने के लिए कश्मीर ले जाया गया था। नक्सलियों का सफाया करने के लिए रणनीति के तहत इंटेलिजेंस बेस्ड ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। इसके लिए यूएवी से साथ ही स्थानीय इंटेलिजेंस की टीम से मिले इनपुट के आधार पर फोर्स अभियान चला रही है। बता दें कि राज्य में भाजपा सरकार के आने के बाद लगातार चलाए जा रहे आक्रमक ऑपरेशन से नक्सली बैकफुट पर आ गए हैं।
15000 फीट की ऊंचाई से निगहबानी
रिमोट से उड़ान भरने वाला ईंधन चलित अत्याधिक ड्रोन एक बार में 8-10 घंटे तक उड़ान भर सकता है। वहीं करीब 1000-15000 फीट की उचांई से जंगल के अंदर की गतिविधियों को देख सकता है। इससे मिले इमेज और फ्रीक्वेंसी को कैप्चर करने के बाद नक्शे से संबंधित इलाके चिन्हाकिंत किए जा रहे हैं। सटीक जानकारी देने की क्षमता को देखते हुए राज्य के बार्डर और इसके आसपास के इलाकों को कवर किया जा रहा है। बताया जाता है कि उत्तर और दक्षिण बस्तर में नक्सलियों की गतिविधियों को देखते हुए इसका उपयोग किया जा रहा है।

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